लोकपाल की नियुक्ति न होने पर एक बार समाज सेवक अन्ना हजारे 30 जनवरी से भूख हड़ताल करेंगे। हजारे ने अपने पत्र में राजग सरकार पर केंद्र में लोकपाल और राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति न करने के लिए बहाने बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने पहले कहा था कि लोकसभा में विपक्ष में कोई वरिष्ठ नेता न होने के कारण लोकपाल नियुक्त नहीं किया जा सकता और बाद में कहा कि चयन समिति में कोई प्रतिष्ठित न्यायवादी नहीं है।
आश्वासन देने के बाद पहले भी खत्म हुई थी हड़ताल
साल 23 मार्च 2018 को रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे थे, लेकिन पीएमओ के उनकी मांग पूरी करने के लिखित में आश्वासन देने के बाद उन्होंने हड़ताल खत्म कर दी थी। हजारे ने कहा कि उन्होंने फिर 2 अक्टूबर तक का समय दिया।
उन्होंने लिखा कि 2 अक्टूबर को अपने गांव रालेगण सिद्धि से आंदोलन शुरू करना था, लेकिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने फिर आश्वासन दिया कि लोकपाल और लोकायुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। मैंने उन्हें एक और मौका देने और 30 जनवरी तक इंतजार करने का मन बनाया है। हजारे ने आरोप लगाया कि यह स्पष्ट तौर पर मौजूदा सरकार की मंशा लोकपाल और लोकायुक्त नियुक्त करने की नहीं है। – (भाषा)