लद्दाख: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज ऐतिहासिक सियाचिन बेस कैंप का दौरा किया, जो दुनिया का सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र है। इस दौरे के दौरान उन्होंने सियाचिन ग्लेशियर पर तैनात भारतीय सैनिकों और अधिकारियों से मुलाकात की। कठिन और प्रतिकूल परिस्थितियों में देश की रक्षा करने के लिए राष्ट्रपति ने सैनिकों की वीरता और समर्पण की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
राष्ट्रपति मुर्मु ने सैनिकों के परिवारों का भी विशेष रूप से आभार व्यक्त किया, जो इन जवानों के पीछे सशक्त रूप से खड़े रहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने सियाचिन बेस युद्ध स्मारक पर शहीद हुए वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और राम नाथ कोविंद के बाद, श्रीमती मुर्मु सियाचिन ग्लेशियर का दौरा करने वाली तीसरी राष्ट्रपति बन गई हैं। सियाचिन ग्लेशियर भारतीय सेना के लिए अत्यधिक सामरिक महत्व रखता है, जिसे 1984 में “ऑपरेशन मेघदूत” के तहत कब्जे में लिया गया था।