भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जन अभियान परिषद प्रदेशवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से समर्पित है। यह संस्था स्वैच्छिक, सामूहिक और सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभा रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. अनिल माधव दवे की प्रेरणा से स्थापित जन अभियान परिषद शासकीय योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के कार्य में सक्रिय है और भू-जल संरक्षण, समाज कल्याण एवं ग्रामीण विकास जैसी गतिविधियों में उत्प्रेरक की भूमिका निभा रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल में आयोजित “समग्र ग्राम विकास के विभिन्न आयाम” विषयक समन्वयकों के उन्मुखीकरण और प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर कहा कि जन अभियान परिषद ने समाज के संगठित विकास और कल्याण के लिए निरंतर प्रयास किया है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री द्वारा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा, परिषद के उपाध्यक्ष श्री मोहन नागर, और प्रमुख सचिव श्री संजय कुमार शुक्ला भी मौजूद थे।
डॉ. यादव ने अपने संबोधन में भगवान श्रीकृष्ण का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने संस्कृति में आ रही विकृतियों से संघर्ष के लिए समाज को संगठित किया था। इसी प्रकार, आज के समय में भी समाज की संगठित शक्ति से बड़ी चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत का मूल स्वरूप गावों में ही है और ग्राम स्तर पर व्यवस्थाओं को सशक्त बनाने की दिशा में जन अभियान परिषद सराहनीय कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जल संरक्षण, प्राकृतिक खेती, और ग्रामीण आय में वृद्धि के लिए कई योजनाएं संचालित हो रही हैं।
कार्यशाला में संभाग, जिला और विकासखंड स्तर के समन्वयकों ने भाग लिया। जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री मोहन नागर ने कहा कि परिषद गांवों और उनकी आत्मा के स्वरूप को प्रभावित किए बिना समरस सामुदायिक नेतृत्व के विकास के लिए समर्पित है। कार्यक्रम का समापन मुख्यमंत्री डॉ. यादव के स्वागत और वंदे मातरम के गायन के साथ हुआ।