Thursday, November 21, 2024
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एडिबल ऑइल्स और प्रोटीन – विजन 2030: सोपा का अंतरराष्ट्रीय कॉन्क्लेव 13 अक्टूबर से शुरू

खबर डिजिटल/ इंदौर। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) द्वारा दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्क्लेव का आयोजन 13 और 14 अक्टूबर 2024 को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में किया जा रहा है। इस वर्ष की थीम “एडिबल ऑइल्स एंड प्रोटीन – विजन 2030” रखी गई है। इस कॉन्क्लेव में सोयाबीन और खाद्य तेल उद्योग से जुड़े प्रमुख उद्योगपतियों, नीति निर्माताओं, तकनीकी विशेषज्ञों और बाजार विश्लेषकों के साथ इंटरएक्टिव सेशन और पैनल चर्चाएं आयोजित की जाएंगी।

इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत के कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को आमंत्रित किया गया है, जिनके आने की पुष्टि होना बाकी है। अन्य प्रमुख अतिथियों में कमिशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट्स एंड प्राइजेस (सीएसीपी) के चेयरमैन प्रोफेसर विजय पॉल शर्मा, राजमाता विजयाराजे सिंधिया एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर एके शुक्ला, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहायक डायरेक्टर जनरल श्री संजीव गुप्ता, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ सोयाबीन रिसर्च के डायरेक्टर श्री के एच सिंह और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ऑइल सीड्स रिसर्च के डायरेक्टर डॉ. आरके माथुर भी शिरकत करेंगे।

इस वर्ष के कॉन्क्लेव का फोकस उद्योग में तकनीकी प्रगति, वैश्विक आपूर्ति चेन और खाद्य तेलों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर रहेगा। सोपा के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डीएन पाठक ने बताया कि खाद्य तेलों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एफएसएसएआई और लीगल मेट्रोलॉजी के अधिकारी विशेष सत्र में भाग लेंगे। भारत में खाद्य तेल और सोयाबीन उद्योग अभी वैश्विक अनिश्चितताओं जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध, मध्य-पूर्व में संघर्ष और शिपिंग के खतरों के कारण चुनौतियों का सामना कर रहा है।

इस कॉन्क्लेव में खाद्य तेलों पर ड्यूटी, नई नीतियों और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य पर चर्चा होगी। उद्योग के लिए ज्वलंत मुद्दों जैसे फ्यूचर्स ट्रेडिंग और पोल्ट्री फीड में डीजीएसई के उपयोग पर भी विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। साथ ही, एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी, जिसमें उद्योग से संबंधित उत्पाद और सेवाओं का प्रदर्शन होगा।

यह कॉन्क्लेव उद्योग के लिए नवाचार और भविष्य की नीतियों पर चर्चा के लिए एक प्रमुख मंच बनेगा, जहां विशेषज्ञों द्वारा रोडमैप तैयार किया जाएगा और दीर्घकालिक योजनाओं पर रणनीतियां बनाई जाएंगी। इस आयोजन से खाद्य तेल और सोयाबीन उद्योग को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।

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