Wednesday, March 12, 2025
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मध्यप्रदेश का बजट: 4.21 हजार करोड़ का बजट पेश, कांग्रेस ने कहा-कागजों में बजट बढ़ाते, जमीन पर परिणाम नजर नहीं आते…

madhya pradesh budget 2025-26: कांग्रेस ने कहा वित्त मंत्री ने जिस नीरसता से बजट भाषण पढ़ा उससे साफ प्रतीत हो रहा था कि सरकार झूठ बोलती है तो आवाज भारी रखती है और नये झूठ की तैयारी रखती है।

मध्यप्रदेश का बजट: madhya pradesh budget 2025-26 मध्यप्रदेश में बुधवार को सरकार ने 4.21 हजार करोड़ का बजट पेश किया। यह मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार का दूसरा बजट रहा। इसमें कोई नया कर नहीं लगाया गया है। इस तरह राज्य में कोई भी सामान सस्ता या महंगा नहीं होगा। पिछले बजट की तुलना में यह लगभग 15 प्रतिशत अधिक है। सरकार ने कहा कि राज्य सरकार का यह बजट युवा, किसान, गरीब और नारी को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इन सभी के कल्याण के लिए सरकार ने विशेष प्रावधान किए हैं। इस बजट में ‘लाडली बहन योजना’ के लिए 18,500 करोड़ से अधिक का प्रावधान किया गया। साथ ही इसे अटल पेंशन योजना से भी जोड़ने की बात कही गई है।

कर्मचारियों के लिए भी खुशखबरी

इस बजट में कर्मचारियों के लिए भी खुशखबरी है, क्योंकि सातवें वेतन आयोग के आधार पर महंगाई भत्ते का पुनरीक्षण 1 अप्रैल से किया जाएगा. इसके साथ ही मजरा टोला को सड़क से जोड़ने के लिए प्रावधान किए गए हैं। एक लाख किलोमीटर सड़क बनाई जाएगी। इसके अलावा 500 रेलवे ओवरब्रिज बनाए जाने का भी प्रावधान किया गया है. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा पेश बजट में शिक्षा पर भी जोर दिया गया है। इसके तहत 22 आईटीआई संस्थान और डिजिटल यूनिवर्सिटी खोली जाएंगी। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय खोला जाएगा। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। वहीं, तीन लाख नौकरियां भी मिलने के आसार हैं। इस बजट में किसी नए कर का प्रावधान नहीं किया गया है, इतना ही नहीं पुराने कर में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। (इनपुट-आईएएनएस)

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कांग्रेस ने पत्रकार वार्ता कर सरकार को घेरा…

भाजपा सरकार का आज मध्यप्रदेश के लिए घोषित किया गया बजट समाचार की सुर्खियों के लायक भी नहीं है। वित्त मंत्री ने जिस नीरसता से बजट भाषण पढ़ा उससे साफ प्रतीत हो रहा था कि सरकार झूठ बोलती है तो आवाज भारी रखती है और नये झूठ की तैयारी रखती है। भाजपा का यह बजट दलित-आदिवासी, पिछड़ों, किसानों, नौजवानों, बहनों और उद्यमियों, किसी के लिए भी भविष्य का कोई मार्ग प्रशस्त नहीं कर सका। सिर्फ आंकड़ों में हेरफेर करके बजट के आंकड़ों को बढ़ाया गया। जैसा कि केग ने अपनी 2024 की रिपोर्ट में लिखा था कि भाजपा सरकार का बजटरी अलोकेशन अवास्तविक आंकड़ों पर आधारित होता है, वह बात आज के बजट से भी प्रमाणित होती है। इतना ही नहीं वित्त मंत्री ने सदन में स्वीकार किया है कि प्रदेश का सर्विस सेक्टर और उद्योग की प्रगति बहुत मंद है।

आंकड़े बताते हैं हर बार बजट में हेरफेर किये जाते हैं

मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने 421032.09 करोड़ रू. का बजट 2025-26 के लिए प्रस्तावित किया है। जिसमें राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 4.66 प्रतिशत होकर (78902.09 करोड़ रू) अलॉर्मिंग स्चिवेशन में आ गया है, क्योंकि एफआरबीएम एक्ट के अनुसार राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3 प्रतिशत होना चाहिए। जो राजकोषीय घाटा 2023-24 में 3.26 प्रतिशत था वह आज भयावह स्तर पर पहुंच गया है।
वास्तविकता में राजकोषीय घाटा इससे भी अधिक भयावह है। क्योंकि जीएसडीपी के आंकड़े मनगणंत और बढ़ाचढ़ा कर बताये गये हैं।

जीएसडीपी 2024-25 में बजट अनुमान में 1522220 करोड़ रू. बताया गया था, जिसे पुनरिक्षित अनुमान में 18825 करोड़ रू. कम करके 1503395 करोड़ रू. किया गया तब यह कैसे संभव है कि 2025-26 में जीएसडीपी में 12.71 प्रतिशत की वृद्धि होकर यह 1694477 करोड़ रू. कर दिया जाये। अर्थात यह स्पष्ट है कि अपने राजकोषीय घाटे पर पर्दा डालने और कर्ज को बढ़ा चढ़ाकर लेने के लिये यह किया गया है।

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कर्ज के बोझ तले दबाया मप्र को

मध्यप्रदेश में आज घोषित किये गये बजट से भी अधिक कर्ज हो गया है। मप्र पर 2025-26 में कुल कर्ज 499772.26 करोड़ रू. होगा। अर्थात 62 हजार रू. प्रतिव्यक्ति पर कर्ज चढ़ाया जा रहा है। इस वर्ष भाजपा सरकार 78770.56 करोड़ रू. का नया कर्ज लेगी।
वहीं कांग्रेस ने कहा कि मप्र की भाजपा सरकार प्रदेश के विकास के साथ कुठाराघात कर रही है। अगर टेªजरी के डेटा पर नजर डाली जाये तो आज दिनांक तक 2024-25 के बजट का 61 प्रतिशत राशि ही खर्च की गई है। इतना ही नहीं केंद्रीय प्रायोजित योजना में भी दिल्ली की भाजपा सरकार ने 50 प्रतिशत राशि ही केंद्र के हिस्से की भेजी है। कृषि और ग्रामीण विकास की स्थिति यह है कि 2024-25 के बजट के 35 हजार करोड़ रूपये में से 29 हजार करोड़ रू. ही 12 मार्च 2025 तक खर्च किये गये हैं। यही हाल महिला एवं बाल विकास, उच्च शिक्षा, उद्योग विभाग, युवा एवं खेल कल्याण, लघु उद्योग सहित लगभग सभी विभागों का है।

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