भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की जनजातीय वर्ग के कल्याण और समर्थ बनाने की संवेदनशील पहल के तहत मध्यप्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में अनुसूचित जनजाति (उप योजना) के लिए 40,804 करोड़ रुपये का बजट पारित किया है। इस बजट में पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 3,856 करोड़ रुपये (करीब 23.4 प्रतिशत) की बढ़ोतरी की गई है। यह पहल जनजातीय समुदाय के समग्र विकास, उनकी संस्कृति के संरक्षण, और उन्हें समयानुकूल सशक्त बनाने के उद्देश्य से की गई है।
पीएम जन-मन अभियान के तहत विशेष कदम
मध्यप्रदेश सरकार प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) के तहत विशेष रूप से पिछड़े और कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कर रही है। राज्य में विशेष पिछड़ी जनजातियां जैसे बैगा, भारिया और सहरिया निवास करती हैं। इन जनजातीय समूहों के लिए बहुउद्देश्यीय केंद्र, ग्रामीण आवास, सड़क, शिक्षा और विद्युतीकरण से जुड़े कार्य किए जा रहे हैं। इस दिशा में सरकार ने 1,607 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।
पीवीटीजी बटालियन के गठन का निर्णय
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए ‘पीवीटीजी बटालियन’ गठित करने का निर्णय लिया है। बैगा, भारिया, और सहरिया जनजातियों के युवाओं को पुलिस, सेना, और होमगार्ड में भर्ती के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत जनजातीय युवाओं को रोजगार और सेवा से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
महिलाओं के लिए आहार अनुदान योजना
पीवीटीजी आहार अनुदान योजना के तहत राज्य सरकार ने जनजातीय परिवारों की महिला मुखियाओं को पोषण आहार के लिए 1,500 रुपये प्रतिमाह अनुदान देने का निर्णय लिया है। इस योजना के लिए 450 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, पीवीटीजी क्षेत्रों में 217 नए आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण के लिए 150 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
रानी दुर्गावती प्रशिक्षण अकादमी की स्थापना
जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं की तैयारी कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार ‘रानी दुर्गावती प्रशिक्षण अकादमी’ स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रही है। यह अकादमी जेईई, नीट, क्लेट, और यूपीएससी जैसी परीक्षाओं के लिए फ्री कोचिंग प्रदान करेगी। आकांक्षा योजना के तहत भोपाल, इंदौर और जबलपुर में वर्तमान में फ्री कोचिंग की सुविधा दी जा रही है।
पेसा नियमों का क्रियान्वयन
पेसा एक्ट के तहत मध्यप्रदेश में नवम्बर 2022 से लागू पेसा नियमों का फायदा प्रदेश के 20 जिलों के 88 विकासखंडों में रहने वाली जनजातीय आबादी को हो रहा है। पेसा के तहत जनजातीय समुदाय को अपनी परंपराओं और आवश्यकताओं के अनुसार निर्णय लेने का अधिकार मिला है, जिससे एक करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों को लाभ मिल रहा है।
जनजातीय विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति और योजनाएं
जनजातीय विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाएं लागू की हैं, जिनमें प्री-मेट्रिक और पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्तियां शामिल हैं। वर्ष 2023-24 में कक्षा 1 से 8वीं तक 17 लाख से अधिक विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी गई है। उच्च शिक्षा और विदेश अध्ययन के लिए भी छात्रवृत्ति और आवास किराया सहायता जैसी योजनाओं का प्रावधान किया गया है। मध्यप्रदेश सरकार के इन प्रयासों से जनजातीय समुदाय को सशक्त बनाने और समग्र विकास की दिशा में नई राह मिल रही है।