खबर डिजिटल/ नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मोदी सरकार द्वारा कैबिनेट में स्वीकृत किसान हितैषी निर्णयों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि देश में खाद्य तेलों की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है।
खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता हेतु बड़ा निर्णय
भारत की खाद्य तेल की आवश्यकता वर्ष 2022-23 में 29.2 मिलियन टन थी, जबकि घरेलू उत्पादन मात्र 12.7 मिलियन टन ही हो पाया। इस कमी को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भरता बढ़ गई थी। इसे समाप्त करने के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-तिलहन की स्थापना की गई है, जिससे खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता प्राप्त हो सके।
कुल लागत और योजना के विवरण
इस मिशन पर कुल 10,103.38 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके तहत किसानों को उन्नत बीज उपलब्ध कराने के लिए ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) द्वारा ब्रीडर सीड्स तैयार किए जाएंगे और इन्हें फ्री में किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए पूरे देश में 600 क्लस्टर बनाए जाएंगे।
21 राज्यों में 347 जिलों का समावेश
इस योजना के अंतर्गत 21 राज्यों के 347 जिलों में, जहाँ ऑइल सीड्स का उत्पादन होता है, विशेष ध्यान दिया जाएगा। किसानों को इन क्लस्टरों में फ्री बीज, ट्रेनिंग, और नई तकनीक का ज्ञान प्रदान किया जाएगा, जिससे वे अधिक उत्पादन कर सकें। इसके साथ ही किसानों द्वारा उत्पादित तेल की 100% खरीदी की जाएगी।
खेती का विस्तार और बीज भंडारण केंद्र
हर साल 10 लाख हेक्टर भूमि पर खेती की जाएगी और 7 साल में 70 लाख हेक्टर तक का विस्तार होगा।
उन्नत बीजों की कमी को पूरा करने के लिए 65 नए बीज केंद्र और 100 बीज केंद्र बनाए जाएंगे।
50 बीज भंडारण इकाइयां भी बनाई जाएंगी, जिससे बीजों को सुरक्षित रखा जा सके।
फसल विविधिकरण और इंटरक्रॉपिंग
राज्यों में जहां सिर्फ खरीफ की फसल ली जाती है, वहाँ पर इंटरक्रॉपिंग के माध्यम से अलग-अलग फसलों के बीच ऑइल सीड्स की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार किसानों द्वारा उपजाए गए उत्पादों की पूरी खरीद करेगी, जिससे किसानों को बेहतर आय और उत्पादन सुनिश्चित हो सके। यह निर्णय किसानों के हित में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे देश में खाद्य तेल की आयात पर निर्भरता कम होगी और किसानों को अधिक लाभ मिल सकेगा।