समय किसी के लिए नहीं रुकता, आपको भी नहीं रुकना है : आचार्य सुधांशु

समय किसी के लिए नहीं रुकता संसार में हर पल कुछ न कुछ घटता रहता है। एक जैसी स्थिति किसी की भी नहीं रहती। इसलिए अपने आप को रुकना नहीं, अपितु हर स्थिति में संभलना आना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में यह उपदेश दिया है। उक्त बातें आज आचार्य श्री सुधांशु जी ने कहीं।

विश्व जागृति मिशन भोपाल मंडल के तत्वावधान में आज लाल परेड ग्राउंड पर सत्संग का अंतिम दिवस था। आचार्य श्री सुधांशु जी ने कहा कि प्रत्येक घर में "गीता" अवश्य होनी चाहिए। "गीता" हमें जीवन की समस्याओं से भगाने नहीं, बल्कि जगाने के लिए प्रेरित करती है। "गीता" में भगवान श्रीकृष्ण ने संदेश दिया है।  इन्हें दिल में बैठना चाहिए। गीता के संदेश में हर समस्याओं से बाहर निकाल लेने निकालने का मार्ग दिखाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह संसार अनिकेत है। यहाँ हमेशा का ठिकाना नहीं है। हम पृथ्वी ग्रह पर पर्यटक बनकर आए हैं, इसलिए जो मूल ठिकाना है वहां का ध्यान करते रहना चाहिए। ईश्वर की आराधना हमेशा करते रहना चाहिए। यही प्रार्थना कहलाती है, और इसी से हम भगवान से जुड़ते हैं।

 आचार्य श्री सुधांशु जी ने कहा कि अर्पण तर्पण और समर्पण करना हमारी नीति और रीति में रहा है। इसलिए संसार से जो वस्तुयें आपने ली है उन्हें कभी ना कभी हमें त्यागना पड़ता है। मान- अपमान, लेना-देना, पाना- खोना, संयोग- वियोग लगा रहता है। इन स्थितियों में सम्हल चाहिए । जो वहीं रुक जाते हैं, वे कष्ट पाते हैं। 

उन्होंने कहा कि हमें सभी उपलब्धियों के लिए ईश्वर का धन्यवाद अवश्य करते रहना चाहिए। इससे कृपा और बढ़ती है। जबकि शिकायतें करने से हम ईश्वर की कृपा को खो देते हैं।
 आज चौथे और अंतिम प्रवचन के पश्चात महाराज श्री को भोपाल नगर की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर विदाई दी गई। इस अवसर पर भोपाल मंडल के प्रधान एमपी उपाध्याय, महासचिव लक्ष्मण लीलानी, सदस्यगण मधुसूदन पांडे, राज मनवानी, वासुदेव भादे, आशीष द्विवेदी, महेश अतुलकर, नंदलाल मेघानी, विमल गौर, रामबाबू शर्मा उपस्थित थे।

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