वाशिंगटन। अमेरिका में बड़ी संख्या में एच-1बी वीजा से जुड़े धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। इस बारे में ट्रंप प्रशासन द्वारा पिछले साल शुरू की गई ईमेल हेल्पलाइन पर पांच हजार से ज्यादा शिकायतें प्राप्त हुई हैं। अमेरिकी सिटिजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआइएस) के प्रवक्ता फिलिप स्मिथ ने बुधवार को कहा, “एच-1बी ईमेल एड्रेस पर इस साल 21 मई तक पांच हजार से ज्यादा शिकायतें मिली हैं।”
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी “अमेरिकी फर्स्ट” नीति को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल “बाई अमेरिकन, हायर अमेरिकन” आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद फ्रॉड डिटेक्शन एंड नेशनल सिक्योरिटी डायरेक्टरेट (एफडीएनएस) ने एच-1बी और एच-2बी वीजा धोखाधड़ी व दुरुपयोग के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए ईमेल जारी किया था। यूएससीआइएस ने हालांकि इस बारे में कोई विवरण नहीं दिया कि उसे किस तरह की शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
क्या है एच-1बी वीजा
भारतीय आइटी पेशेवरों के बीच लोकप्रिय इस वीजा के जरिये अमेरिकी कंपनियों को उन क्षेत्रों में अत्यंत कुशल विदेशी पेशेवरों को नौकरी पर रखने की अनुमति मिलती है जिनमें अमेरिकी पेशेवरों की कमी है। यह वीजा तीन साल के लिए जारी होता है और इसके बाद तीन साल के लिए इसका नवीनीकरण हो सकता है। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद इसके नियमों को कड़ा कर दिया गया है।
65 हजार वीजा जारी करने की सीमा
अमेरिकी संसद से हर साल 65 हजार एच-1बी वीजा जारी करने की मंजूरी मिली हुई है। इसके अलावा 20 हजार एच-1बी वीजा उन लोगों को दिए जाते हैं जिन्होंने अमेरिकी शिक्षण संस्थानों से उच्च शिक्षा में डिग्री प्राप्त की है।