नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले लालकिले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अंतिम भाषण किसानों, युवाओं, गरीबों पर केंद्रित हो सकता है। दस करोड़ परिवारों के लिए मुफ्त इलाज वाली आयुष्मान भारत योजना के लांच की तारीख का ऐलान तो होगा ही। किसानों से लागत से डेढ़ गुना मूल्य पर फसलों की खरीद सुनिश्चित करने की पुख्ता प्रणाली के साथ-साथ जन-धन खाताधारकों और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना व प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना के लाभ को बढ़ाने की घोषणा हो सकती है।
माना जा रहा है कि यह भाषण अपेक्षाकृत थोड़ा लंबा भी हो सकता है जिसमें सरकार की उपलब्धियों को गिनाने के साथ-साथ यह याद भी दिलाया जाएगा कि 2022 में न्यू इंडिया का सपना साकार करने में हर वर्ग का साथ चाहिए। जो निचले पायदान पर खड़े हैं उन्हें भी इतना सशक्त बनाया जाएगा कि न्यू इंडिया के आधार में उनकी भी ईंट हो।
चूंकि अगले छह-सात महीनों में ही लोकसभा चुनाव हैं, लिहाजा भाषण राजनीतिक और केंद्र में विकास पर केंद्रित होगा।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री आजादी के जश्न के बीच देश के 10 करोड़ 74 लाख गरीब परिवारों के लिए मुफ्त और कैशलेस इलाज की योजना के लांच की तारीख का एलान कर सकते हैं। इस योजना के तहत लगभग 55 करोड़ लोगों को पांच लाख रुपये तक सालाना इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी।
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री इस योजना को जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिवस 25 सितंबर से लांच करने का एलान कर सकते हैं। इस योजना के लाभार्थियों की पहचान की जा चुकी है और 26 राज्य व केंद्र शासित प्रदेश इसे लागू करने के लिए समझौता कर चुके हैं। देश की 40 फीसद से अधिक आबादी को कैशलेस और मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने वाली योजना को अगले लोकसभा चुनाव के लिए गेमचेंजर माना जा रहा है।
जन-धन खाताधारकों को ओवरड्राफ्ट की सुविधा को दोगुना किया जा सकता है। अभी तक जन-धन खातों पर पांच हजार रुपये तक ओवरड्राफ्ट की सुविधा, जिसे बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने का एलान हो सकता है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की कवर राशि बढ़ाने की घोषणा की जा सकती है।
गरीबों के साथ ही प्रधानमंत्री किसानों के लिए भी अहम एलान कर सकते हैं। दाल के ऐतिहासिक उत्पादन के लिए प्रधानमंत्री किसानों को धन्यवाद दे सकते है। जिस कारण से पहली बार दाल का आयात का पूरी तरह बंद हो गया है। वहीं प्रधानमंत्री हाल में ही घोषित फसल के लागत मूल्य के डेढ़ गुना न्यूनतम खरीद मूल्य दिलाने की प्रणाली का भी एलान कर सकते हैं। कैबिनेट ने डेढ़ गुना न्यूनतम खरीद मूल्य को हरी झंडी दे चुकी है। अब न्यूनतम खरीद मूल्य पर फसलों की खरीद सुनिश्चित कराना सरकार की पहली प्राथमिकता है।
सामाजिक न्याय का वह अलग से उल्लेख कर सकते हैं जिसमें ओबीसी और पिछड़ों को अग्रिम पंक्ति में खड़ा करने की कवायद का वर्णन होगा।