Indore News : संभागायुक्त के समक्ष प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के अनुसार इंदौर जिला सर्वाधिक आवेदनों के कारण संभाग के आठ जिलों में पिछड़ा हुआ नजर आया। राजस्व प्रकरणों के निराकरण में इंदौर संभाग में सबसे निचले पायदान पर नजर आ रहा है। इंदौर के निराकरण की संख्या लगभग 75 फीसदी है।
जिले में 2 से 5 वर्ष तक के लंबित प्रकरणों की संख्या 638 बताई गई है,जबकि 1 वर्ष से अधिक के प्रकरणों की संख्या 965 है। नामांतरण आवेदन के निराकरण में इंदौर जिला 83 फीसदी निराकरण के साथ संभाग में पांचवें स्थान पर है। यहां अब भी 1 साल से अधिक के तीन मामले लंबित बताए जाते हैं। बंटवारा आवेदन के निराकरण में इंदौर संभाग में सातवें स्थान पर है।
यहां आवेदनों के निराकरण की संख्या लगभग 73 फीसदी है। इंदौर जिले में सीमांकन कर आवेदनों का निराकरण 77% से अधिक हुआ है। सीमांकन में भी जिला सबसे निचले पायदान पर नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले कार्य साइबर तहसील में इंदौर में 10 दिन से पटवारी प्रतिवेदन के लिए लंबित मामलों की संख्या भी 10 ही है, जबकि खरगोन जिले में इन आवेदनों की संख्या सबसे अधिक 15 है। नक्शा तरमीम के मामले में इंदौर में सबसे कम कार्य हुआ है, यहां मात्र 28 फीसदी कम किया गया है। इसके चलते इंदौर संभाग में आठवें स्थान पर नजर आ रहा है। राजस्व वसूली के मामले में इंदौर संभाग में चौथे स्थान पर है।