भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शस्त्र पूजन के लिए महेश्वर को इसलिए चुना गया, क्योंकि लोकमाता देवी अहिल्या सुशासन और लोक कल्याण का प्रतीक रही हैं। जनता की सुविधाओं को लेकर जनता की इच्छा, आकांक्षाओं के आधार पर सरकार चलाना ही सुशासन है। इसका लोकमाता देवी अहिल्या बाई सर्वोत्कृष्ट उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने अवैध शस्त्र जब्त करने वाले सब इंस्पेक्टर को 31 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि देने के साथ कार्यक्रम में भक्तिपूर्ण माहौल के लिए भजन मंडली को भी एक लाख रुपए देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को लोकमाता अहिल्या बाई की कर्मभूमि महेश्वर में दशहरे के अवसर पर शस्त्र-पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्हाेंने कहा कि शस्त्र-पूजन हमारी प्राचीन परंपरा का हिस्सा है। शस्त्र आत्मरक्षा, अन्याय और शोषण के विरुद्ध जंग का प्रतीक है। शस्त्रों के भरोसे ही धर्म और देश की रक्षा की जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महेश्वर क्षेत्र में युवाओं को रोजगार देने के लिए इंडस्िट्रयल बेल्ट विकसित किया जाएगा। साथ ही यहां पर टूरिज्म विलेज भी बनेगा। महेश्वर में अहिल्या लोक भी बनाया जाएगा। डॉ. यादव ने माता अहिल्या की 300 वीं जयंती पर्व पर अहमदनगर का नाम अहिल्या नगर करने के लिए महाराष्ट्र सरकार और वहां के मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
देवी अहिल्याबाई ने जनजातीय समाज से भी मदद ली
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवी अहिल्याबाई ने औरंगाबाद, हैदराबाद, काशी एवं अन्य शहरों से कारीगरों को लाकर महेश्वर में बुनकरों को काम दिया। इसके साथ ही साथ महेश्वरी साड़ी के नाम से देश में एक अलग पहचान बनाई। देवी अहिल्याबाई ने नारी सशक्तिकरण के लिए काम किया है। उन्होंने महिलाओं के लिए नर्मदा तट पर अलग घाट बनाए। देवी अहिल्या के सिद्धांतों पर चलकर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की भावना को लेकर काम कर रहे हैं।
महेश्वर में होगी कैबिनेट बैठक
डॉ. यादव ने कहा कि स्थानीय सांसद एवं विधायक की मांग पर मकर संक्रांति पर्व के पास महेश्वर में कैबिनेट की बैठक होगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आगामी सिंहस्थ को ध्यान में रखकर रिमोट से महेश्वर में 83 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत की 43 निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया।