मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि मध्यप्रदेश तेजी से सौर ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी बनता जा रहा है। प्रदेश की रीवा सोलर परियोजना, जिसे विश्व की सबसे बड़ी सोलर परियोजनाओं में गिना जाता है, को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने केस स्टडी के रूप में शामिल किया है। यह परियोजना सौर ऊर्जा उत्पादन और प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण है।
1. रीवा सोलर परियोजना का महत्व:
“रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर पॉवर प्लांट न केवल विश्व का सबसे बड़ा सोलर प्लांट है, बल्कि यह सबसे सस्ती दर पर ऊर्जा प्रदान करने वाला प्लांट भी है। यह परियोजना प्रति यूनिट 3.30 रुपये में अगले 25 वर्षों तक बिजली प्रदान करेगी।”
2. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में केस स्टडी:
“हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने रीवा सोलर परियोजना को उसकी उत्कृष्टता और सौर ऊर्जा के प्रबंधन के लिए एक आदर्श उदाहरण के रूप में शामिल किया है। यह परियोजना विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित देश की पहली सौर परियोजना भी है।”
3. नर्मदा फ्लोटिंग सोलर परियोजना:
“मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी बताया कि प्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी पर 600 मेगावाट की क्षमता वाली दुनिया की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर परियोजना विकसित की जा रही है।”
4. मध्यप्रदेश का भविष्य:
“राजधानी भोपाल में सरकारी भवनों और नागरिकों के घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने का अभियान शुरू किया जाएगा, जिससे प्रदेश सौर ऊर्जा प्रदेश बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ सके।”
“मध्यप्रदेश के लिए सौर ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में प्रदेश विश्व के सौर ऊर्जा मानचित्र पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है। रीवा सोलर परियोजना का हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में शामिल होना प्रदेश की इस दिशा में बड़ी उपलब्धि है।”