सोशल मीडिया के ग्रुप पर भेजे जा रहे संदेशों पर पुलिस की पैनी नजर

भोपाल। किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया के ग्रुप पर भेजे जा रहे भड़काऊ संदेशों पर पुलिस की खुफिया नजर हैं। पिछले साल के आंदोलन के वीडियो को इस साल के किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल करने की कोशिशों पर सख्ती के साथ कार्रवाई की जा रही है। ऐसे ही रतलाम के दो ग्रुप के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनके एडमिन की गिरफ्तारी की गई है।

पुलिस मुख्यालय के आईजी इंटेलीजेंस मकरंद देउस्कर ने शुक्रवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुछ जिलों में धरना-प्रदर्शन और रैली निकालने के पहले अनुमति के लिए धारा 144 लगाई है और कुछ जिलों में सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश पोस्ट करने पर रोक के लिए इस धारा का इस्तेमाल किया गया है। किसान आंदोलन के दृष्टिगत संवेदनशील मंदसौर, रतलाम, नीचम, उज्जैन, इंदौर, देवास, सहित मालवा, ग्वालियर-चंबल, भोपाल व उसके आसपास और महाकौशल के कुछ जिलों में जिला पुलिस परिस्थितियों की लगातार समीक्षा कर रही है।

शांतिपूर्ण आंदोलन: देउस्कर

देउस्कर ने बताया कि किसान आंदोलन के पहले दिन पूरी तरह शांति रही। विदिशा में कुछ लोगों ने किसान को सब्जी शहर में लाने पर वापस करने का प्रयास किया था लेकिन समझाइश के बाद ऐसी घटना नहीं हुई। इसी तरह एक स्थान पर एक दूध विक्रेता ने सड़क पर दूध फेंककर विरोध जताने का प्रयास किया लेकिन प्रशासन की सतर्कता से ऐसी घटनाएं सीमित रही।

उन्होंने बताया कि आंदोलन को लेकर पुलिस की तैयारियां हैं और आने वाले दिनों में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो, ऐसे इंतजाम किए गए हैं। देउस्कर ने बताया कि 10 जून के भारत बंद आंदोलन को लेकर पुलिस व प्रशासन अलर्ट है।

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