Nitish Kumar : नीतीश कुमार ने गठबंधन को क्यों दिया 'तलाक', पढ़िए साइनाइड स्टोरी 

Nitish Kumar : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन से नाता तोड़कर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। नीतीश ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपा है। नीतीश कुमार अब बीजेपी के साथ सरकार बनाने जा रहे है। सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार राज्य के अलगे मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते है, लेकिन नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन क्यों तलाक दिया? यह सवाल अब उठने लगा है। 

कहा जाता है कि राजनीति में सब कुछ जायज है। राजनीति में कोई किसी का दोस्त नहीं होता और ना ही किसी का दुश्मन। पलटी मारने में मशहूर नीतिश कुमार ने एक बार फिर पलटी मारकर देश की राजनीति को चौंका के रख दिया। एक समय पीएम मोदी और बीजेपी को कोसने वाले और लोकसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ इंडिया गठबंधन खड़ा करने वाले नीतीश कुमार अब बीजेपी के साथ हो लिए है। 

क्या है नीतीश के पलटने की कहानी?

नीतीश कुमार ने पटली मारने का इशारा बीते महीनों पहले ही कर दिया था। नीतीश ने 19 अक्टूबर को अपने एक बयान में पीएम मोदी को लेकर कहा था कि हमारी दोस्ती कभी खत्म नहीं होगी। राजनीति जानकारों की माने तो नीतीश कुमार लालू से खफा हो गए थे? इसलिए उन्होंने बीजेपी के साथ जाने का फैसला किया।
नीतीश और लालू-तेजस्वी के बीच गर्मा-गर्मी उस समय बढ़ गई थी जब नीतीश ने तेजस्वी के करीबी मंत्री का फैसला पलट दिया था। तभी से नीतीश-लालू के बीच दूरियां बनने लगी थी। बिहार में राजस्व अैर भूमि सुधार विभाग में अधिकारियों का तबादला करने का अधिकार तेजस्वी के करीबी मंत्री आलोक मेहता के पास थे, लेकिन नीतीश कुमार ने 480 अधिकारियों का तबादला रद्द कर दिया। तब से ही नीतीश और तेजस्वी के बीच टकराव पैदा हो गया। 

मंत्रियों के विवादित बयान

इतना ही नहीं आरजेडी के मंत्री चंद्रशेखर और सुरेन्द्र यादव के विवादित बयानों ने नीतीश को मुश्किल में डाल दिया था। तेजस्वी के मंत्रियों के बोल बिहार की सियासत को गर्म करते रहे, जो नीतीश की परेशानी बनती रही। मंत्री चंद्रशेखर के अयोध्या में राम मंदिर और रामचरितमानस वाले बयान ने देश में नीतीश को शर्मशार कर दिया, वही लालू-तेजस्वी चुप रहे। यह बात नीतीश को खलती रही। 

ललन और लालू की नजदीकियां 

कहा जाता है कि जेडीयू के अध्यक्ष रहे ललन सिंह और लालू यादव के बीच नजदीकियां बढ़ गई थी। नीतीश कुमार को अशंका थी की लालू के करीबी ललन सिंह को अपने साथ लेकर पार्टी में कोई बड़ा खेल कर सकते है। इसी को लेकर 29 दिसंबर 2023 को ललन सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और पार्टी की बागडोर नीतीश कुमार ने संभाल ली। बहरहाल, नीतीश कुमार ने कुर्सी बचाने और पार्टी को बचाने के लिए पलटी मारना ही सही समझा। जिसके बाद नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा देकर लालू-तेजस्वी की राजनीति और गठबंधन को चित्त कर दिया। 

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