Monday, November 11, 2024
No menu items!
spot_img
Homeमध्यप्रदेशआज मंत्री, सांसद और विधायक अपने क्षेत्र में करेंगे ‘शस्त्र-पूजन’

आज मंत्री, सांसद और विधायक अपने क्षेत्र में करेंगे ‘शस्त्र-पूजन’

मप्र में पहली बार दशहरा पर्व पर भारत की प्राचीन शस्त्र-पूजन परंपरा में सरकार के मंत्रियों सहित सांसद, विधायक और जन-प्रतिनिधि भी अपने क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होंगे। प्रदेश के प्रत्येक जिले में पुलिस शस्त्रागार, कोतवाली और थानों में होने वाले शस्त्र-पूजन एक विभाग तक सीमित न होकर जनता का पर्व बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुद देवी अहिल्याबाई की राजधानी रही महेश्वर और उनकी छावनी रही इंदौर में शस्त्र-पूजन करेंगे।

भोपाल : मप्र में पहली बार दशहरा पर्व पर भारत की प्राचीन शस्त्र-पूजन परंपरा में सरकार के मंत्रियों सहित सांसद, विधायक और जन-प्रतिनिधि भी अपने क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होंगे। प्रदेश के प्रत्येक जिले में पुलिस शस्त्रागार, कोतवाली और थानों में होने वाले शस्त्र-पूजन एक विभाग तक सीमित न होकर जनता का पर्व बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुद देवी अहिल्याबाई की राजधानी रही महेश्वर और उनकी छावनी रही इंदौर में शस्त्र-पूजन करेंगे।

आमतौर पर दशहरे पर सरकारी कार्यक्रम आयोजित नहीं होते। किंतु इस बार सीएम डॉ. यादव ने इसे भारतीय परंपरा अनुसार शस्त्र पूजन के साथ कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने सभी मंत्रियों व विधायकों से भी कहा है कि वे दशहरा पर्व को धूमधाम से मनाएं। सीएम ने कहा कि हमारे भारतीय पर्व उमंग और उल्लास के प्रतीक होते हैं। इस वर्ष प्रदेश में दशहरा पर्व सरकार और समाज मिलकर धूमधाम के साथ मनाएंगे और शस्त्र-पूजन भी किया जाएगा। उन्होंने प्रदेशवासियों को दशहरा पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस वर्ष का दशहरा पर्व महिला सशक्तिकरण और सुशासन की प्रतीक देवी अहिल्याबाई को समर्पित रहेगा।

अहिल्याबाई का व्यक्तित्व, सबके लिए आदर्श

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम अहिल्याबाई की 300 वीं जयंती का वर्ष मना रहे हैं। लोकमाता देवी अहिल्याबाई का व्यक्तित्व, जीवन और चरित्र हम सबके लिए आदर्श है। वे एक तपोनिष्ठ, धर्मनिष्ठ और कर्मनिष्ठ शासक, प्रशासक रही हैं। उनसे हम सबको प्रेरणा लेना चाहिए। देवी अहिल्याबाई ने धर्म के भाव के साथ शासन व्यवस्था चलाने का बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि उनका धर्म तथा राज्य व्यवस्था में विशेष महत्व है।

अहिल्याबाई हमेशा अपनी प्रजा…

उनका मुख्य ध्येय था कि उनकी प्रजा कभी भी अभावग्रस्त और भूखी नहीं रहे। उनके सुशासन की यशोगाथा पूरे देश में प्रसिद्ध है। उन्होंने समाज-सेवा के लिए खुद को पूरी तरह समर्पित कर दिया था। अहिल्याबाई हमेशा अपनी प्रजा और गरीबों की भलाई के बारे में सोचती थीं, साथ ही वे गरीबों और निर्धनों की हरसंभव मदद के लिए हमेशा तत्पर रहती थीं। उन्होंने समाज में विधवा महिलाओं की स्थिति पर भी खासा काम किया और उनके लिए उस वक्त बनाए गए कानून में बदलाव भी किया था।

सम्बंधित ख़बरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

लेटेस्ट