Bageshwar Dham News : जब एक मंच पर आ पहुंचे, पंडोखर और बागेश्वर धाम सरकार

Bageshwar Dham News : दतिया में बागेश्वर धाम सरकार की हनुमंत कथा में पहली बार एक मंच पर Pandokhar पंडोखर सरकार और बागेश्वर धाम Bageshwar Dham सरकार पहुंचे। कुछ दिन पहले ही ये दोनों संत एक दूसरे के पूरक चल रहे थे। लेकिन दातिया के संत समागम में दोनों एक साथ देख कर लोग अचंभित हो गये। दरअसल, दोनों संतों में बागेश्वर धाम को लेकर कुछ अनबन की खबरें चल रही थी। जिसके बात से पण्डोखर सरकार गुरुशरण जी महाराज Gurusharan Maharaj व बागेश्वर धाम सरकार पं. धीरेंद्र कृष्णशास्त्री Dhirendra Krishnashastri जी सुर्खियों में थे। 

एक मंच पर दो सरकार

दतिया में पिछले 6 दिनों से चल रहा पार्थिव शिवलिंग निर्माण व बागेश्वर धाम सरकार की हनुमंत कथा के धार्मिक अनुष्ठान का सोमवार को समापन हो गया। समापन  ऐतिहासिक हो गया क्योंकि पहली बार पण्डोखर सरकार श्री गुरुशरण जी व बागेश्वर धाम सरकार  पं.धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक मंच पर नजर आए।  इस धार्मिक अनुष्ठान के सूत्रधार व प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने सफल आयोजन के लिए दतिया वासियों सहित सभी सहयोगियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि संत समाज के कारण ही हमारी संस्कृति, हमारी सभ्यता आज तक सुरक्षित है।

संत का आना और बसंत का आना एक जैसा है

गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि आज हमारा सौभाग्य है कि पण्डोखर सरकार श्री गुरुशरण जी महाराज व बागेश्वर धाम सरकार पं. धीरेंद्र कृष्णशास्त्री दोनो एक साथ इस धार्मिक महानुष्ठान में उपस्थित है। आप दोनो संत तो हारे के सहारे है । जो भी परिवार से परेशान है ,बीमारी से परेशान है आप की शरण में आता है। आप की शरण में आने भर से उसके कष्ट दूर हो जाते है। उन्होंने कहा कि वैसे तो मनुष्य की व्यथा और हनुमंत कथा अनंत है,लेकिन जो इसे समझ गया वो आप जैसा संत है। संत का आना और बसंत का आना एक जैसा है। बसंत जब आता है तो प्रकृति हंसती हैं और जब संत आते है तो हमारी संस्कृति,सभ्यता हंसती हैं, फलती-फूलती हैं।

संत याद करे यह सौभाग्य होता है

गृह मंत्री ने कहा कि मुझे धार्मिक मंच पर बोलना नहीं आता और धार्मिक अनुष्ठान के आयोजन के समापन पर बोलना तो और भी कठिन लगता है इसलिए मुझसे गलती हो सकती है। मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि संत हमे याद करे यह सौभाग्य होता है,हमारे बीच आ जाये तो परम भाग्य होता है और जो इस बात को नही समझ सके वो उसका दुर्भाग्य होता है।

अनुष्ठान का समापन

संत हमारे बीच है दतिया वासियों का परम सौभाग्य है। 3अगस्त से दतिया पूरी तरह धर्ममय है। हर व्यक्ति भक्ति में डूबा हैं। बागेश्वर महाराज के आने के बाद तो यहां जनसैलाब आ गया लेकिन दतिया के लोगो को नमन , उन्होंने पूरी व्यवस्था संभाल ली।सभी  अपने में आत्मसात कर लिया।होटल ,वाटिका सभी के लिए मुफ्त कर दी। लोगो ने अपने परिवार के साथ बाहर से आए लोगो को रखा उनके भोजन की व्यवथा की। यह महाधार्मिक अनुष्ठान अगर सफल हुआ है तो दतिया वासियों और व्यवस्था में दिन रात लगे पुलिस प्रशासन के कारण हुआ है। उन्होंने सभी सहयोगियों का अभिनंदन किया। अनुष्ठान के समापन पर पण्डोखर सरकार व बागेश्वर धाम सरकार ने भक्तों को आशीर्वचन दिए।

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