रणनीति से लेकर एकता तक दिशाहीन नजर आती जन आक्रोश यात्रा

भोपाल। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की जन आशीर्वाद यात्रा ने सफलता का परचम लहरा दिया है। यात्रा को जनता का आशीर्वाद भी खूब मिला। जन आशीर्वाद यात्रा की अपार सफलता के बीच मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस द्वारा भी जन आक्रोश यात्रा का संचालन 19 सितंबर से मध्य प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्र में किया जा रहा है। आक्रोश यात्रा अभी तक ग्वालियर चंबल संभाग से लेकर निमाड़ एवं रीवा संभाग में निकाली जा चुकी है।

पिछले तीन दिनों की जन आक्रोश यात्रा का राजनीतिक फायदा एवं नुकसान देखा जाए तो कांग्रेस पार्टी इस यात्रा में चुनावी रणनीति के मामले में पूरी तरह विफल नजर आती है। अभी तक जन आक्रोश यात्रा पिछले 48 घंटे के अंतराल में जहां-जहां गई है वहां पर जन आक्रोश यात्रा के विरोध में कांग्रेस पार्टी के ही स्थानीय कार्यकर्ताओं के बीच राजनीतिक स्तर पर गुटबाजी के चलते कांग्रेस पार्टी मुर्दाबाद के जमकर नारे लगे।

ग्वालियर चंबल क्षेत्र के अंतर्गत तो विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुर्दाबाद के नारों के साथ धमकी भरे अंदाज में स्वागत किया। कुल मिलाकर कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा पिछले तीन दिनों के अंतराल में पूरी तरह फ़्लॉप शो एवं दिशाहीन नजर आई।

जूते की मार से लेकर मुर्दाबाद तक के नारे 

जन आक्रोश यात्रा के मामले में मैदानी स्तर पर पिछले तीन दिनों की मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोज़ पर नजर डालें तो सबसे गंभीर स्थिति ग्वालियर चंबल क्षेत्र में सामने आई है। मुरैना जिले की सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3 पर स्थानीय उम्मीदवार द्वारा डॉक्टर गोविंद सिंह नेता प्रतिपक्ष के विरोध का मामला सुर्खियों में बना रहा।

ग्वालियर चंबल क्षेत्र में यात्रा के प्रारंभ की जिम्मेदारी नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह को दी गई थी, जैसे ही डॉक्टर गोविंद सिंह चंबल क्षेत्र में सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से निकले तो वहां पर स्थानीय उम्मीदवार केदार सिंह मैकाले के समर्थकों ने धमकी भरे अंदाज में डॉक्टर गोविंद सिंह के विरोध में मुर्दाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिए और उन्हें उनके ही क्षेत्र में जाटव समाज द्वारा हराने का भी संकल्प पारित करने के विषय में प्रेस नोट जारी किया।

तीन दिनों में 10 से अधिक क्षेत्रों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यात्रा का जमकर विरोध किया।

वहीं दूसरी और विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 189 पानसेमल में जन आक्रोश यात्रा के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी का वर्तमान विधायक चंद्रभागा किराड़े के खिलाफ विधानसभा टिकट न देने की बात को लेकर चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के सामने जबरदस्त तरीके से न केवल विरोध प्रदर्शन हुआ, इसके साथ-साथ इस मामले में सामने आए वीडियो में मार-पीट तक की स्थितियां दिखाई दे रही है।

इसी तरह जन आक्रोश यात्रा में पवई विधानसभा में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के सामने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार एवं उनके बीच का विरोध इस स्तर तक जा पहुंचा कि एक दूसरे पर जूते मारने की स्थितियां पैदा हो गई ‌। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है ।

अभिजीत शाह पर आदिवासियों के शोषण का आरोप

भारतीय जनता पार्टी के मजबूत गढ़ हरदा और खंडवा से जुड़े विधानसभा क्षेत्रों की स्थितियां भी पूरी तरह कांग्रेस पार्टी के विरुद्ध सामने आई है। हरदा व टिमरनी विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अभिजीत शाह का हजारों आदिवासियों द्वारा जमकर विरोध किया गया। आदिवासी समाज की ओर से इस संबंध में केंद्रीय चुनाव समिति को ज्ञापन भी सौंपा गया है। आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों एवं संभावित उम्मीदवारों की मांग है

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