देशभर में वित्तीय समावेशन को नई गति
मुंबई: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपनी स्थापना के 70 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में अपने प्लैटिनम जयंती समारोह की भव्य शुरुआत की। इस खास मौके पर, केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 70 नई शाखाओं और 501 महिला ग्राहक सेवा केंद्रों (सीएसपी) का उद्घाटन किया। इस पहल का उद्देश्य देश के वंचित और दूरदराज के क्षेत्रों तक बैंकिंग सेवाओं की पहुंच को मजबूत करना है। इस मौके पर डीएफएस सचिव श्री एम. नागराजू और एसबीआई के चेयरमैन श्री सीएस शेट्टी भी मौजूद रहे।
वित्त मंत्री ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर कहा, “एसबीआई ने 51 करोड़ से अधिक ग्राहकों को सेवा देकर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, जो कई देशों की कुल आबादी से अधिक है। बैंक की नवाचार क्षमता और डिजिटल परिवर्तन को अपनाने की रणनीति ने इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी और चुस्त बनाया है।”
वित्तीय समावेशन को मिलेगा बल
एसबीआई ने इस वित्त वर्ष में बैंकिंग सेवाओं को वंचित समुदायों तक पहुँचाने के लिए रणनीतिक रूप से शाखा विस्तार किया है। इस क्रम में नागालैंड के पुघोफोटो, ओडिशा के इटामती, केरल के चुल्लीमनूर, आंध्र प्रदेश के पलासमुद्रम और तेलंगाना के चिन्नामबावी जैसे गांवों में नई शाखाओं का उद्घाटन किया गया है।
- बैंक ने वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही तक लगभग 100 नई शाखाएं जोड़कर अपनी शाखाओं का नेटवर्क 22,800 से अधिक तक बढ़ाया है।
- इसके अलावा, एसबीआई 78,023 ग्राहक सेवा केंद्रों (सीएसपी) का मजबूत नेटवर्क बनाए हुए है।
501 महिला सीएसपी का उद्घाटन – महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर 501 महिला ग्राहक सेवा केंद्रों के उद्घाटन को वित्त मंत्री ने महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “ये केंद्र महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करेंगे और उन्हें भारत की आर्थिक वृद्धि में योगदान करने के लिए सशक्त बनाएंगे।”
26 करोड़ की सीएसआर पहल
एसबीआई ने अपने 17 स्थानीय मुख्यालयों के माध्यम से ₹26 करोड़ की लागत से 17 सीएसआर परियोजनाएं शुरू करने का संकल्प लिया है। इन पहलों के तहत महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता, आजीविका विकास और पर्यावरणीय स्थिरता से जुड़ी परियोजनाओं को समर्थन दिया जाएगा।
बैंक ने वित्त वर्ष 2025 के पहले 9 महीनों में 379 करोड़ रुपये का निवेश कर सामुदायिक विकास को मजबूत किया है।
डिजिटल बदलाव से नया युग
वित्त मंत्री ने एसबीआई के डिजिटल बदलाव की सराहना करते हुए कहा कि बैंक ने ग्राहक अनुभवों को फिर से परिभाषित किया है। अब बैंकिंग सेवाएं पहले से अधिक आसान, सुरक्षित और समावेशी हो गई हैं।
एसबीआई – विश्वसनीयता और नवाचार का प्रतीक
एसबीआई की इस नई पहल से देशभर में वित्तीय समावेशन को नई गति मिलेगी। बैंक ने “बैंकिंग रहित लोगों को बैंकिंग, असुरक्षित लोगों को सुरक्षित करना और वित्तपोषित लोगों को वित्तपोषित करना” की रणनीति पर चलते हुए एक मजबूत और भरोसेमंद बैंकिंग नेटवर्क स्थापित किया है।
एसबीआई की यह पहल देश के आर्थिक विकास और समाज के हर वर्ग को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।