शेमारू टीवी के इन मुख्य कलाकारों ने मकर संक्रांति,की  ख़ास यादों को किया साझा,

इस नए साल को और भी शुभ बनाने के लिए शेमारू उमंग और शेमारू टीवी के कलाकार साल के पहले त्यौहार मकर संक्रांति, उत्तरायण, लोहड़ी को मनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। शेमारू इस नए साल का स्वागत अपने कई नए यूनीक शोज़ के साथ करेगा, जिसका प्रीमियर आने वाले दिनों में होगा। वहीं इनके वर्तमान शोज ने भी अपने दर्शकों का दिल जीतने में कोई कमी नहीं छोड़ी है, जिनके मुख्य कलाकारों ने इस मुख्य त्यौहार से जुड़ीं अपनी ख़ास यादों को अपने दर्शकों से साझा किया और इसकी तैयारियों को लेकर कई ख़ास बातें बताई।

सुमति सिंह - किस्मत की लकीरों से

शेमारू उमंग के शो 'किस्मत की लकीरों से' में मुख्य किरदार निभा रहीं अभिनेत्री सुमति सिंह अपनी बच्चों की मकर संक्रांति की यादों को ताज़ा करते हुए बताती हैं, "मकर संक्रांति का त्यौहार खास तो है ही और हर त्यौहार अपने आप में ख़ास होता है। जब हम छोटे थे, मुझे याद है कि सभी घर वाले जल्दी उठते थे। हमारे यहाँ एक रिवाज होता था, जिसमें सिर पर काला या सफेद तिल रखकर हम नहाने जाते थे। यह सबकुछ करने में बहुत मजा आता था। मैं नॉर्थ की रहने वाली हूँ, तो वहां इस वक्त मौसम बहुत अच्छा होता है और खूब ठंड होती है। तो तैयार होकर हम सब बड़ों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेते थे और साथ में छत पर धूप लेने जाते थे और वहीं बैठकर दही चूड़ा, कई तरह की मिठाइयां खाते थे और साथ मिलकर पतंग उड़ाते थे। इसमें हमें बहुत मज़ा आता था, क्योंकि हम मोहल्ले वाले एक-दूसरे से काइट फाइट खेला करते थे। उस दिन हमें बहुत आज़ाद महसूस होता था, क्योंकि कोई हमें पढ़ने को नहीं कहता था, तो हम और भी खुश रहते थे।"

अक्षिता मुद्गल - तुलसीधाम के लड्डू गोपाल

शेमारू टीवी के शो 'तुलसीधाम के लड्डू गोपाल' शो की मुख्य अभिनेत्री तुलसी अपनी मकर संक्रांति के बारे में बात करते हुए कहती हैं, "मकर संक्रांति खुशियों और नई ऊर्जाओं से भर देने वाला त्यौहार है! महाराष्ट्र में, हम हवा में पतंग उड़ाकर और मीठे तिलगुल के लड्डू बांटकर इस दिन का जश्न मनाते हैं। 'तिलगुल घ्या गोड़ गोड़ बोला' यानि ये लड्डू खाओ और मीठा बोलो की शुभकामनाओं के साथ लड्डुओं के आदान-प्रदान की परंपरा एक ख़ास स्पर्श को जोड़ती है। पूरे परिवार के साथ एक पारिवारिक माहौल में लड्डुओं को बांटने की खुशी और आकाश में रंग-बिरंगी पतंगों को उड़ते हुए देखना इस उत्सव को वास्तव में बहुत यादगार बनाता है। हालांकि मैं पतंग उड़ाना नहीं जानती हूँ, फिर भी मैं खुशी-खुशी फिरकी पकड़कर खड़ी रहती हूं और इस उत्सव की खूबसूरती में डूब जाती हूं। उन्होंने आगे कहा, "'तुलसीधाम के लड्डू गोपाल' शो की शूटिंग में व्यस्त होने के चलते इस साल त्यौहार की तैयारियों में सम्मिलित नहीं हो पा रही हूँ। हमारे परिवार में, मेरी माँ ने स्वादिष्ट तिलगुल के लड्डू बनाने में महारत हासिल की है और उन्होंने इसकी जिम्मेदारी खुद संभाली है। मैं भी पहले त्यौहार की तैयारियों का हिस्सा हुआ करती थी, खासकर अपने भाइयों के साथ पतंग के चुनाव का। महाराष्ट्र में मकर संक्रांति का क्रेज कुछ ऐसा है, जिसका मैं हर साल बेसब्री से इंतजार करती हूं।"

अभिषेक पठानिया - किस्मत की लकीरों से

'किस्मत की लकीरों से' शो में मुख्य किरदार निभा रहे अभिनेता अभिषेक पठानिया कहते हैं, "लोहड़ी मेरे लिए सिर्फ एक त्योहार नहीं है, यह एक संजोई गई परंपरा है, जो मेरे परिवार, दोस्तों और होमटाउन के सभी लोगों को इस उत्सव की खुशियों में शामिल होने के लिए एक-साथ लेकर आती है। हमारे यहाँ इसकी तैयारियां एक महीने पहले से शुरू हो जाती हैं, जिसमें प्रतियोगिता से लेकर दावतें सभी विशेष चीजें शामिल होती हैं। इस साल, मैं 'किस्मत की लकीरों से' शो की शूटिंग में भले ही व्यस्त हूं, लेकिन मैं पूरी कोशिश करूँगा कि इस बार भी मैं कुछ समय निकालकर अपने होमटाउन जाऊं, सर्दियों का आनंद लूं, अपने माता-पिता से मिलूं और इसके साथ मैं इस उत्सव में रमने के लिए उत्साहित हूं। लोहड़ी, अग्नि की पूजा करने और पहली फसल को अर्पित करना, यह संस्कृति मेरे दिल में एक अनोखी जगह रखती है। यह एक त्यौहार से कहीं अधिक है; यह अपनी जड़ों से जुड़ने और कई खूबसूरत यादें बनाने का समय है।"

विनीत कुमार चौधरी - कर्माधिकारी शनिदेव

शेमारू टीवी के चर्चित शो 'कर्माधिकारी शनिदेव' में शनि देव की मुख्य भूमिका निभाने वाले अभिनेता विनीत कुमार चौधरी अपनी लोहड़ी की यादों को ताज़ा करते हुए बताते हैं, "मेरे होमटाउन दिल्ली में लोहड़ी बहुत धूमधाम से मनाई जाती है। मुझे आज भी याद है कि दिल्ली की कड़ाके की ठंड के बीच हम लोहड़ी के उत्सव को बड़े उत्साह से मनाया करते थे और आज भी यह रिवाज ठीक उसी तरह चलता आ रहा है। परिवार, दोस्तों के साथ मिलकर हम खूब नाचते और धूम मचाते थे। लोहड़ी का त्यौहार सूर्यदेव और अग्नि को समर्पित है। इस त्यौहार में नई फसलों को सभी के द्वारा अग्निदेव को समर्पित किया जाता है। इसे देवताओं का भोग माना गया है। भले ही मैं इस बार दिल्ली नहीं पहुंच पा रहा हूँ, लेकिन मेरे दोस्त मुझे वीडियो कॉल के जरिए इस जश्न में शामिल करेंगे। मैं सभी को इस दिन की ढेर सारी शुभकामनाएं देना चाहता हूँ।"

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