यूं तो पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलबिहारी वाजपेयी का मध्यप्रदेश से गहरा नाता रहा है, पर कई किस्से उनके साथ ऐसे जुड़े हैं, जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता। खासतौर से वे कार्यकर्ताओं को कितना सम्मान देते थे इसका एक वाक्या मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले से जुड़ा हुआ है।
जिले के गाडरवारा से लगा एक छोटा-सा कस्बा है सालीचौका, जिसके एक कार्यकर्ता थे कंछेदीलाल अग्रवाल। वे दवा व्यवसायी हैं। जब भी अटलजी मप्र के दौरे पर आते तो अग्रवाल उनसे मिलने जरूर आते थे। भाजपा के वरिष्ठ नेता मेघराज जैन बताते हैं कि बात उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले की है।
अग्रवाल ने लगभग सौ बार अटलजी से आग्रह किया कि आप सालीचौका आइए। अंतत: अटलजी एक बार इटारसी में सभा लेने आए तो प्रदेश के नेताओं से कहा कि मेरा एक कार्यक्रम सालीचौका का भी बनाओ, वहां मैं सभा लूंगा। बकौल जैन, अग्रवाल ने काफी मेहनत की और भारी जनसमूह अटलजी को सुनने आया। जैन बताते हैं कि अटलजी ऐसे नेता थे, जिन्होंने कार्यकर्ताओं को हमेशा तवज्जो दी। कभी उनसे मिलने में उन्हें हिचक नहीं होती थी।
1975 से ही घुटनों में थी तकलीफ
पूर्व सांसद मेघराज जैन बताते हैं कि गुजरात चुनाव के दौरान 1975 में मेरी ड्यूटी अटलजी के साथ लगी थी, जब सौराष्ट्र क्षेत्र में प्रचार कार्यक्रम चल रहे थे, तब अटलजी का स्वास्थ्य ठीक नहीं था। खासतौर से उन्हें सीढ़ियां चढ़ने में तकलीफ होती थी। कई बार आग्रह करने पर वे मंच पर चढ़ तो जाते थे, पर बाद में मुझसे कहते कि ‘भर गया तुम्हारा पेट”। जैन कहते हैं कि अटलजी ने भाजपा को भाजपा बनाने के लिए जीवन समर्पित कर दिया, तब आज ये संगठन खड़ा हुआ है।
11 लाख की थैली भेंट करना थी अटलजी को
ये संस्मरण तब का है, जब जनसंघ के बाद भारतीय जनता पार्टी का जन्म हुआ था। इंदौर भाजपा के नेताओं ने अटलजी से वादा किया था कि वे उन्हें 11 लाख की थैली भेंट करेंगे। इसके लिए अटलजी ने एक महीने के बाद कार्यक्रम करने की तारीख दे दी। भाजपा के वरिष्ठ नेता मेघराज जैन बताते हैं कि पूरे मालवा-निमाड़ के हमारे नेता धन जुटाने के लिए जी-तोड़ मेहनत करते रहे, लेकिन कुल मिलाकर 8 लाख रुपए की रकम ही हम लोग जुटा पाए। जब अटलजी आए और आमसभा में हमने उन्हें 8 लाख की थैली भेंट की तो उन्होंने सभा में कविता के अंदाज में मजाक किया कि ‘वादा तो किया था 11 लाख देने का, पर थमा दिए आठ लाख।”