CM instructions : मूसलाधार बारिश के बाद मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों को दिए ये निर्देश
CM instructions : बैठक में मुख्यमंत्री जी के निर्देश:
- सावधानी के तौर पर जहाँ जरूरत हो, वहाँ से
लोगों को निकालें।
प्रभावित क्षेत्रों में जिन गर्भवती महिलाओं की डिलिवरी अगले 2-4 दिनों में ड्यू है, उन्हें अस्पतालों में शिफ्ट करने का काम सभी जिला प्रशासन प्रमुखता से करें।
- जनप्रतिनिधियों को भरोसे में लें, इनका रोल महत्वपूर्ण है।
- रायसेन कलेक्टर ध्यान रखें कि बारना के ऊपर बरगी का पानी जाने से इफेक्ट पड़ेगा। उसके लिए व्यवस्था कर लें।
- एक SDRF की टीम राजगढ़ भेजें।
- सारी स्थिति हमारे सामने है। भोपाल के प्रमुख डैम से डिस्चार्ज कम हो रहा है जिससे विदिशा में अब आगे समस्या होने की संभावनाएं कम है
मैं सभी बाढ़ प्रभावित जिलों की टीमों को बधाई देता हूँ जिन्होंने अच्छे से लोगों का रेस्क्यू किया।
- आपदा प्रबंधन वैज्ञानिक तरीके से करने में टीम मध्यप्रदेश काफी प्रवीण हो गई है।
- मैं सभी को बधाई देता हूँ जो सवेरे से प्रबंधन में लगे हैं। कलेक्टर, SDRF, NDRF सहित पूरी टीम लगी हुई है।
हमने बुद्धिमत्ता के साथ पानी डिस्चार्ज करने का प्रबंधन किया।
साइंटिफिक डिज़ास्टर मैनेजमेंट में मध्यप्रदेश देश में उदाहरण बनना चाहिए।
- हमने 80% ही पानी के भंडारण का निर्णय किया। 20% की गुंजाइश छोड़ी है।
- बारना, तवा, कोलार का पानी हम व्यवस्थित रूप से छोड़ें।
- सभी जिले आगे की तैयारी करके रखें। हमारे पास केल्क्युलेशन पहले ही रहे कि कितनी मात्रा में डिस्चार्ज होगा।
- मौसम के पूर्वानुमान हमेशा एक्यूरेट नहीं होते, इसलिए तैयारी रखें।
- जो हम डिस्कस कर रहे हैं, वो जनता को भी जाना चजिये जिससे जनता को जानकारी रहे , वह सतर्क रहे ।
- हमारे सभी विभाग आपस में कोऑर्डिनेशन रखें जिससे मिलकर हम किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार रहें।
- मैं सभी से कहता हूँ कि सभी छोटे-बड़े डैम को चैक करा लें।
- हम बांधों की मॉनिटरिंग रोज करें।
- हर बांध की जानकारी हमें रहे। कोई दिक्कत हो तो उसे तत्काल ठीक करें।
- प्रशासनिक अधिकारियों के साथ तकनीकी जानकारी रखने वाले अधिकारी भी साथ रहें।
- 19 से 23 अगस्त तक भी हमारी सभी टीमें तैयार रखें।
- ये न हो कि जरूरत पड़ने पर बोट न मिले या बोट हो तो उसका इंजन ही चालू न हो।
- हमारी माइक्रो और डीटेल्ड प्लानिंग होना चाहिए। अगर संकट नहीं है तो आंख बंद करके सो रहे हैं, ऐसा नहीं चलेगा।
- मुझे टीम मध्यप्रदेश पर गर्व है। नर्मदा जी की घाटी में जो स्थिति बनी है, उसे हमने बढ़िया तरीके से मैनेज किया।
- प्रशासनिक टीम और जनप्रतिनिधियों के बीच आदर्श रूप से कोऑर्डिनेशन हो। जिससे सभी नागरिकों को हम भरोसे में ले सकें।
- जनभागीदारी का भी आदर्श उदाहरण मध्यप्रदेश बनना चाहिए।