अष्टमी तिथि के आठवें मुहूर्त में मनाया जाएगा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

krishna janmashtami 2022 : भोपाल के मंदिरों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारी चल रही है। आज 18 अगस्त को सप्तमी रात 9:20 बजे तक सप्तमी रहेगी। midnight krishna birthday जन्माष्टमी का पर्व अष्टमी तिथि के आठवें मुहूर्त में मनाया जाता है, जो कि 19 अगस्त को रहेगा। भोपाल के लक्ष्मीनारायण मंदिर बिड़ला laxmi narayan birla temple में सजावट की सभी तैयारियां हो गई है। 19 को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। रात्रि 1 बजे तक मंदिर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुला रहेगा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर मंदिन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए गए है। लक्ष्मीनारायण मंदिर बिड़ला मंदिर के मैनेजर केके पांडे ने बताया कि शाम साढ़े 7 बजे से भजन संध्या का आयोजन किया है। 

11 बजे भगवान श्रीकृष्ण का होगा भव्य श्रृंगार / Lord Krishna's grand makeup will be done at 11 o'clock

वहीं, दादाजी धाम मंदिर रायसेन रोड में ब्रह्ममुहूर्त से कार्यक्रम शुरु होंगे। श्री चार भुजाजी मेवाड़ मंडल द्वारा पांच नंबर स्टाप शिवाजी मंदिर में रात्रि कार्यक्रम शुरू होंगे। श्री बांके बिहारी लाल जी मार्कण्डेय महाराज मंदिर तलैया चोबदारपुरा भोपाल में जन्माष्टमी महोत्सव शुक्रवार 19 अगस्त को मनाया जाएगा। दो दिवसीय उत्सव में पहले दिन श्री बांके बिहारी लाल जी संग प्रियाजू राधा रानी का भव्य श्रृंगार किया किया जाएगा। रात्रि में 11 बजे पंचामृत स्नान, विष्णु सहस्त्रनाम पाठ, 1000 तुलसीदल तथा 1000 सुगंधित पुष्प से सहस्त्रार्चन किया जाएगा। रात्रि ठीक 12 बजे जन्मोत्सव आरती होगी एवं जन्मस्तुति बधाई भजन कीर्तन के बाद महाप्रसाद बांटा जाएगा। दूसरे दिन ठाकुर जी का नामकरण संस्कार जन्मकुंडली लिखी जाएगी।

जन्माष्टमी के दिन नाट्य प्रस्तुति / Drama performance on Janmashtami

अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ इस्कान द्वारा श्रीश्री राधा गोपीनाथ मंदिर हरे कृष्ण लैंड पटेल नगर रायसेन रोड में जन्मोत्सव की भव्य तैयारियां की जा रही है। जन्मोत्सव पर शुक्रवार तड़के 4:30 बजे मंगल आरती से प्रारम्भ होकर रात्रि 1:30 बजे तक अनवरत कार्यक्रम चलते रहेंगे। मंदिर प्रबंधक श्री अच्युत कृष्ण प्रभु ने बताया है कि इस दिन के कार्यक्रमों का मुख्य आकर्षण भगवान श्रीकृष्ण का महाभिषेक विभिन्न प्रकार के जल, फलों के रस, शहद समेत अन्य शुद्धतम खाद्य पदार्थों से किया जाएगा। बाद में प्रसाद रूप में भक्तों को वितरित किया जाएगा। नाट्य प्रस्तुति होगी। जन्माष्टमी के दूसरे दिन इस्कान संस्थापकाचार्य श्रील भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद जी का प्राकट्य दिवस मनाया जाएगा।

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