एमपी और यूपी के साझेदारी में 8 गीगावाट सौर ऊर्जा संयंत्रों का होगा विकास
नई दिल्ली, 23 सितंबर 2024: मध्य प्रदेश (एमपी) और उत्तर प्रदेश (यूपी) ने एक ऐतिहासिक पहल के तहत 8 गीगावाट (GW) सौर ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण की योजना बनाई है। इस योजना के तहत दोनों राज्य मिलकर अक्षय ऊर्जा (RE) परियोजनाओं का विकास करेंगे, जिसका उद्देश्य आपस में ऊर्जा साझा करना है। इस पहल के अंतर्गत दोनों राज्यों में छह-छह महीने के अंतराल पर ऊर्जा की आपूर्ति की जाएगी। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि दोनों राज्यों में बिजली की मांग के पैटर्न अलग-अलग हैं, जिसके चलते यह परियोजना दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगी।
एमपी-यूपी मिलकर करेंगे सौर ऊर्जा का वितरण
मध्य प्रदेश में अक्टूबर से मार्च के बीच, रबी की फसल के दौरा बिजली की मांग सबसे ज्यादा होती है। वहीं, उत्तर प्रदेश में खरीफ फसल के दौरान अप्रैल से सितंबर के बीच बिजली की अधिकतम मांग रहती है। यूपी में खरीफ फसल जुलाई से अक्टूबर के बीच उगाई जाती है, जबकि एमपी में रबी फसल नवंबर से मार्च तक होती है। इसके चलते दोनों राज्यों में बिजली की मांग में समयानुसार अंतर आता है। एमपी के ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव ने बताया, “योजना यह है कि प्रत्येक राज्य साल में छह महीने के लिए सौर संयंत्रों से बिजली प्राप्त करेगा। पहले चरण में हम 2 गीगावाट की परियोजना विकसित करने की योजना बना रहे हैं, जिसके लिए मुरैना (एमपी) को संभावित स्थल के रूप में चुना गया है। निविदाएं चार महीने के भीतर आमंत्रित की जाएंगी और परियोजना 12 महीने में पूरी होने की उम्मीद है।”
ऊर्जा लक्ष्य:
एमपी: 2030 तक 20 गीगावाट अक्षय ऊर्जा का लक्ष्य (वर्तमान में 9 गीगावाट)
यूपी: 2026-27 तक 22 गीगावाट सौर ऊर्जा का लक्ष्य (वर्तमान में 6.8 गीगावाट