तूफानी बारिश और आकाशीय बिजली में कैसे बचाएं इस मानसून में अपनी और अपनों की जान !

खबर डिजिटल संपादक/ डॉ धर्मेंद्र कुमार तिवारी की रिपोर्ट/ अमेठी – 27 सितंबर 2024: मानसून के दौरान आकाशीय बिजली, सर्पदंश और डूबने की घटनाओं में बढ़ोतरी के मद्देनजर अमेठी अपर जिलाधिकारी (वि/रा) अर्पित गुप्ता द्वारा जनहित में एक सुरक्षा एडवाइजरी जारी की गई है। इसका उद्देश्य विशेष रूप से बच्चों, किशोरों और बुजुर्गों की जान की रक्षा करना और वर्षा ऋतु में सुरक्षा उपायों को अपनाने पर जोर देना है।

1. डूबने से बचाव के उपाय:

अपर जिलाधिकारी ने सुझाव दिया है कि केवल वही लोग जो तैरना जानते हों, नदी, तालाब या नहरों के किनारे जाएं। डूबते हुए व्यक्ति को बचाने के लिए धोती, साड़ी, रस्सी या बांस का उपयोग करें, खुद पानी में जाने से बचें और मदद के लिए अन्य लोगों को पुकारें। किसी डूबने की स्थिति में तुरंत 112 पर कॉल करें और पीड़ित को अस्पताल पहुँचाएं।

अभिभावकों से अपील की गई है कि वे बच्चों को गहरे पानी में स्नान करने, पुल से कूदने या तेज बहाव वाले पानी में खेलने से रोकें। इसके अलावा, स्नान के दौरान सेल्फी लेने से भी बचना चाहिए। डूबने पर पीड़ित को बचाने के लिए सीपीआर (कार्डियोपल्मनरी रेससिटेशन) की प्रक्रिया अपनाएं:

  1. पीड़ित के मुँह से कोई रुकावट हटाएं।
  2. जाँचें कि पीड़ित की सांस और नब्ज चल रही है या नहीं।
  3. मुँह से मुँह लगाकर दो बार सांस दें और 30 बार छाती को दबाएं।
  4. इसे 3-4 बार दोहराएं और तुरंत पीड़ित को अस्पताल पहुँचाएं।

2. सर्पदंश से बचाव के उपाय:

  • वर्षा ऋतु में सर्पदंश की घटनाएँ अधिक होती हैं, क्योंकि सांप बारिश के कारण अपने बिलों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान ढूँढ़ते हैं। सर्पदंश की स्थिति में घबराएँ नहीं:
  • दंश वाले स्थान को साफ पानी से धोएं।
  • दंश स्थान के ऊपर एक ढीला बंधन लगाएँ ताकि खून का प्रवाह धीमा हो जाए।
  • पीड़ित के शरीर से तंग वस्त्र, घड़ी या अंगूठी हटा दें।
  • पीड़ित को स्थिर रखने की कोशिश करें और तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र लेकर जाएं, जहाँ एंटीवेनम इन्जेक्शन दिया जा सके।


सर्पदंश की स्थिति में अंधविश्वास या तांत्रिक उपायों से बचें। सर्पदंश वाले स्थान पर ब्लेड या अन्य धारदार वस्तु से चीरा न लगाएं, और जहर निकालने के लिए मुँह से चूसने की कोशिश न करें।

सर्पदंश के लक्षण:

  • दंश वाले स्थान पर जलन और दर्द।
  • सूजन और खून का थक्का जमना।
  • साँस लेने में दिक्कत होना।
  • बेहोशी महसूस होना।


3. आकाशीय बिजली से बचाव के उपाय:

आकाशीय बिजली गिरने से बचने के लिए अपर जिलाधिकारी ने सुझाव दिया कि लोग कच्चे और जर्जर मकानों में शरण न लें। बादलों के गरजने और बिजली चमकने के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहें। अगर आप रास्ते में हों और अचानक गरज और चमक हो, तो तुरंत पास के सुरक्षित स्थान पर रुकें और पेड़ों या विद्युत पोल से दूरी बनाए रखें।

अपर जिलाधिकारी ने सुझाव दिया कि लोग दामिनी ऐप का उपयोग करें, जिससे 20 किमी के दायरे में बिजली गिरने की 30 मिनट पहले से जानकारी मिल सकती है। इस ऐप के जरिए आप अपनी और दूसरों की जान बचा सकते हैं।

बरसात के समय अपने मकान के निचले हिस्से में पानी का जमाव न होने दें और अपने जानवरों को भी सुरक्षित स्थान पर रखें। जानवरों को खुले में न रखें, क्योंकि बिजली गिरने से उन्हें भी खतरा हो सकता है।

सावधानी और सुरक्षा:

अमेठी जिला प्रशासन ने सभी निवासियों से अपील की है कि वे वर्षा ऋतु में इन सुरक्षा उपायों का पालन करें और किसी भी आपातकालीन स्थिति में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या आपातकालीन सेवाओं से संपर्क करें।

यह एडवाइजरी अमेठी जिला सूचना कार्यालय द्वारा जारी की गई है।

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