पहली बार खुलकर बोले कांग्रेस के बागी 22 विधायक

MP Political Crisis : मध्यप्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच बेंगुलरू में बैठे कांग्रेस के 22 बागी विधायकों ने पहली बार खुलकर अपने मन की बात कही। बेगंलुरू में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बारी-बारी से विधायकों ने बताया कि उन्होंने ऐसे कदम क्यों उठाया। विधायकों ने बताया कि वे अपनी मर्जी से वहां आए हैं। उन्हें किसी ने बंधक नहीं बनाया है। वे जानते हैं कि क्या कर रहे हैं। सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री Kaman Nath को कोसा और उनके काम करने के तरीके पर आपत्ति दर्ज करवाई। यहां तक आरोप लगाया गया कि मुख्यमंत्री Kaman Nath ने कभी उनकी बात ठीक से नहीं सुनी। विधायकों का दावा हमारे साथ अभी 20 ओर विधायक आएंगे क्योंकि जो कांग्रेस सरकार के साथ विधायक है वोह भी हमारे साथ आएंगे। पढ़िए किस विधायक ने क्या कहा -

गोविन्द सिंह राजपूत(पूर्व कैबिनेट मंत्री): मीडिया में जो कहा जा रहा कि हम लोग यहां बंधक हैं, ऐसा कुछ भी नहीं। जब सिंधिया जी जैसे बड़े नेता पर हमला हो सकता है, तो हम लोग कैसे एमपी में सुरक्षित रह सकते हैं, इसलिए हम विधायक यहां बैंगलुरू में हैं। मेरे साथ धोखा हुआ, सीएम कमलनाथ मेरे क्षेत्र में कहकर आए थे कि आप विधायक को नहीं मंत्री को वोट दे रहे हैं। मुझे कुछ नहीं बनाया गया। राहुल गांधी ने भी हमारी बात नहीं सुनी। मैं लगातार सीएम कमलनाथ के लिए लड़ता रहा, लेकिन उन्होंने मेरे क्षेत्र पर कोई ध्यान नहीं दिया।

इमरती देवी: ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे नेता हैं। हमने उनसे बहुत कुछ सीखा है। हम पूरी तरह से उनके साथ हैं। जहां श्रीमंत, वहां हम।

बिसाहू लाल सिंह: वरिष्ठ विधायकों की उपेक्षा की गई मुख्यमंत्री केबल छिंदवाड़ा के मुख्यमंत्री बन कर रह गए।मैं 1987 से कांग्रेस विधायक हूं, मुझसे सीनियर विधानसभा में कोई विधायक नहीं है। जब मैं सीएम से बात करने जाता हूं तो बोलते हैं, चलो-चलो कल बात करेंगे। कमलनाथ ने एक भी आदिवासी को पट्टा नहीं दिया गया, आदिवासी को शादी पर कोई पैसा नहीं मिला। यह सिर्फ बोलते हैं, मैंने भाजपा ज्वाइन कर ली है। बिसाहूलाल ने कहा कि कोरोना का इतना ही डर है तो वल्लभ भवन में भी छुट्टी करवा दीजिए। सबसे सीनियर नेता को मंत्री बनाया गया न ही विधानसभा अध्यक्ष।

 

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