नक्सलियों के करतूत से बेपटरी हुई इंजन, 72 घंटे बाद बहाल

दंतेवाड़ा। नक्सलियों द्वारा पटरी उखाड़कर मालगाड़ी को डिरेल करने के बाद क्षतिग्रस्त पटरी और पुल को दुरूस्त करने में इंजीनियर और मजदूरों को 72 घंटे से अधिक पसीना बहाना पड़ा। मंगलवार की शाम लाइन क्लीयर हुई और शाम करीब पौने चार बजे खाली मालगाड़ी दुरूस्त पुल को पार कर बचेली- किरंदुल की ओर बढ़ी। इससे पहले दोपहर को दंतेवाड़ा खाली मालगाड़ी रवाना की गई थी। जो कामालूर स्टेशन में खड़ी थी। नक्सलियों के करतूत से बेपटरी हुई इंजन को भी करीबी स्टेशन भांसी और बचेली पहुंचा दिया गया है।

रविवार की रात डिरेल हुई मालगाड़ी के डिब्बे और इंजन को उठाने के साथ रेलवे इंजीनियर और मजदूर पटरी को व्यवस्थित करने सहित क्षतिग्रस्त पुल को दुरूस्त करने में जुटे है। उनकी सुरक्षा में भांसी, दंतेवाड़ा और बचेली से हजारों की संख्या फोर्स भी दुर्घटना स्थल और जंगलों में डेरा डाल रखा था।

विशाखापटनम से इंजीनियरों की टीम सोमवार रात को मौके पर पहुंच कार्य शुरू कर दिया गया था। ज्ञात हो कि डिरेल होने के बाद मालगाड़ी के तीन इंजन सहित 22 बोगियां बेपटरी होकर पुल से नीचे खाई में गिर गई थी। एक वैगन रेलवे पुल में ही फंस गई थी। जिसे सुरक्षित ढंग से निकाला गया। बावजूद पुल और पटरी को क्षति पहुंची। जिसमें विशेषज्ञों की देखरेख में दुरूस्त कर लिया गया है। जानकारों के मुताबिक मंगलवार की की शाम खाली मालगाड़ियां दंतेवाड़ा से भांसी की ओर भेजी गई। ये मालगाड़ियां किरंदुल- बचेली से लौह अयस्क लेकर बुधवार को विशाखापटनम के लिए रवाना होगी। 

नक्सलियों विरोधी सप्ताह 28 जून से

नक्सलियों का दमन विरोधी सप्ताह 28 जून से शुरू हो रहा है। 2 जुलाई तक चलने वाले इस सप्ताह में नक्सली फिर किसी बड़े वारदात को अंजाम दे सकते है। इसलिए रेलवे प्रशासन इस दौरान जिले में रात्रिकालीन रेलवे परिचालन बंद रखेगा। पैसेंजर का परिचालन भी विशाखापटनम से जगदलपुर तक ही होगा।

हालांकि पुलिस नक्सलियों के बड़े वारदात को रोकने पूरी सतर्कता बरत रही है। फोर्स के जवान जिले के अंदरूनी इलाकों में तैनात है। बावजूद नक्सली अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे सकते हैं। नक्सलियों ने अपने आर्थिक नाकेबंदी और दमन विरोधी सप्ताह के पांच दिन पहले ही अपनी उपस्थित बताने रेलवे लाइन को नुकसान पहुंचाया। इससे रेलवे को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है वहीं फोर्स के लिए भी चुनौती बन गई है।
 

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