मार्च 2024 से कॉपर बिजनेस में उतरेगा अदाणी ग्रुप

मार्च 2024 में गुजरात के मुंद्रा में अदाणी समूह, कच्छ कॉपर लिमिटेड, एक ग्रीनफील्ड कॉपर रिफाइनरी प्रोजेक्ट शुरु कर रहा है। कच्छ कॉपर का लक्ष्य कॉपर कैथोड, कॉपर रॉड, सोना, चांदी, निकल और सेलेनियम का उत्पादन करना है। इसके अलावा इस इंटीग्रेटेड परिसर में सल्फ्यूरिक एसिड का उत्पादन भी किया जाएगा। भारत में घरेलू तांबे के कॉन्सन्ट्रेशन का उत्पादन कम ही होता है

ऐसे में लैटिन अमेरिका से कच्चे माल का आयात करना जरुरी हो जाता है लेकिन इसके लिए एक राष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने और लॉजिस्टिक्स की आवश्यकता होती है। और यहीं कच्छ कॉपर लिमिटेड की इंटीग्रेटेड ग्रीनफील्ड कॉपर रिफाइनरी की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। ये रिफाइनरी मुंद्रा पोर्ट में है इस प्रोजेक्ट की उर्जा जरुरतों को अदाणी पॉवर या ग्रिड से पूरा किया जाएगा साथ ही डिसेलिनेशन के जरिए समुद्री पानी से जरुरतें पूरी होंगी।

स्टील और एल्युमीनियम के बाद औद्योगिक धातु के उपयोग में तांबा तीसरे स्थान पर है। भारत में प्रति व्यक्ति तांबे की खपत महज 0.6 किलोग्राम है जबकि इसका वैश्विक औसत 3.2 किलोग्राम है। जैसा कि भारत का लक्ष्य वर्ष 2070 तक कार्बन तटस्थता हासिल करना है, ऐसे में यह अभियान स्वच्छ ऊर्जा प्रणालियों की दिशा में तांबे की माँग को बढ़ावा देगा।

कॉपर कॉम्प्लेक्स का कीमती मेटल रिकवरी प्लांट साल-दर-साल सोने और चांदी का उत्पादन करेगा। अब तक तांबे की आपूर्ति में भारतीय उद्योगों को अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन देश का अपना तांबा उत्पादन प्लांट इन चिंताओं को कम कर सकता है। इसके अलावा उद्योग अपनी आपूर्ति पर बेहतर नियंत्रण रख सकेगा और सबसे महत्वपूर्ण ये अपने एकमात्र घरेलू स्रोत, हिंडाल्को पर निर्भरता को काफी कम करेगा।

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