भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में सीट आवंटन के बाद दाखिला नहीं लेना उम्मीदवारों को अब महंगा पड़ेगा। दरअसल, कई छात्र एक साथ कई कॉलेजों के विकल्प भरते हैं। इसके बाद एक जगह भी दाखिला नहीं लेते। ऐसे में इन सीटों को अगले चरण की काउंसलिंग में भरना होता है जिससे अंत में निजी कॉलेजों की कुछ सीटें खाली रह जाती हैं।
निजी कॉलेज का विकल्प भरने वाले छात्रों को एक लाख रुपये और सरकारी कॉलेज के छात्रों में आरक्षित और अनारक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए क्रमश: पांच हजार और 10 हजार रुपये देने होंगे। दूसरे चरण की काउंसलिंग के समय भी यह व्यवस्था लागू होगी। काउंसलिंग के दौरान पसंदीदा कॉलेज का विकल्प भरते समय ही छात्रों को एमपी ऑनलाइन में यह राशि जमा करानी होगी। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिये थे। इसका मकसद यह है कि छात्र बेवजह सीट ब्लॉक न करें।
निजी कॉलेजों में एनआरआई कोटे की सीटों पर दाखिला इस साल चिकित्सा शिक्षा संचालनालय देगा। पिछले साल दाखिले में गड़बड़ी होने के बाद संचालनालय ने यह निर्णय लिया है। 2017-18 में निजी कॉलेजों ने कई ऐसे छात्रों को दाखिला दे दिया था जो एनआरआई के मापदंड में खरे नहीं उतर रहे थे। जांच के बाद संचालनालय चिकित्सा शिक्षा ने 114 में 107 छात्रों के दाखिले निरस्त कर दिये थे। अब हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति इन छात्रों की जांच कर रही है।