Khadi Utsav 2024: देश के विभिन्न राज्यों के मिलेंगे खादी तथा ग्रामोद्योग के उत्पाद

Khadi Utsav 2024: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत बुनकरों एवं अन्य कारीगरों को रोजगार प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी दिशा में, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा भोपाल हाट परिसर में खादी उत्सव 2024 का आयोजन किया जा रहा है, जो 27 सितंबर से 8 अक्टूबर 2024 तक चलेगा।

प्रबंध संचालक, खादी बोर्ड श्री माल सिंह भयडिया ने बताया कि महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के तहत, इस उत्सव का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत बुनकरों एवं कारीगरों को सतत् रोजगार प्रदान करना है। इस आयोजन में देशभर से खादी एवं ग्रामोद्योग सामग्री एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जाएगी।

खादी उत्सव में राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय इकाइयों की भागीदारी


भोपाल हाट में आयोजित इस खादी उत्सव में 75 से 80 राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय इकाइयाँ भाग लेंगी। इनमें मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, और उत्तरप्रदेश की खादी ग्रामोद्योग एवं हस्तशिल्प इकाइयां शामिल होंगी, जो अपने उत्पादों के स्टॉल लगाएंगी।

मलबरी सिल्क और मसलिन खादी की साड़ियाँ होंगी आकर्षण का केंद्र


प्रदर्शनी में मलबरी सिल्क और मसलिन खादी की साड़ियाँ मुख्य आकर्षण होंगी। इसके साथ ही खादी वस्त्रों में रेडीमेड गारमेंट्स, लेडीज कुर्ते, शाल, और सूट भी प्रदर्शित किए जाएंगे। ग्रामोद्योग उत्पादों में माटी कला, जूट, बैतबांस, लकड़ी के फर्नीचर, चमड़े के बैग, बेल्ट, पर्स, अगरबत्ती, शैंपू, सेनेटाइजर, प्राकृतिक मसाले, शहद, अचार, पापड़, आटा, बेसन, दलिया आदि सामग्री उपलब्ध होगी।

कबीरा खादी वस्त्रों पर विशेष छूट


मध्यप्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा आयोजित इस चरखा खादी उत्सव में कबीरा खादी वस्त्रों पर विशेष छूट दी जाएगी। श्री माल सिंह भयडिया ने बुनकरों और कारीगरों को प्रोत्साहित करने और उनके लिए रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से इस उत्सव में भाग लेने की अपील की है।

खादी उत्सव का उद्देश्य - इस उत्सव का उद्देश्य ग्रामीण कारीगरों को मंच प्रदान करना और उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहित करना है, ताकि उनके उत्पादों को बाजार मिल सके और उनके लिए सतत् रोजगार की व्यवस्था हो सके।

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