एमपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन का नाम नहीं बदलेगा: सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ने को तैयार - माखन विजयवर्गीय

भोपाल, 25 सितंबर 2024: एमपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रांतीय मीडिया प्रभारी माखन विजयवर्गीय ने स्पष्ट किया है कि संगठन का नाम नहीं बदला जाएगा। अगर ज़रूरत पड़ी तो वे इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे।

6 सितंबर 2024 को माननीय न्यायमूर्ति जी.एस. अहलूवालिया ने 2013 की रिट याचिका संख्या 19817, मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ बनाम मध्यप्रदेश राज्य और अन्य के मामले में फैसला देते हुए ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार को नाम पर पुनर्विचार करने के लिए निर्देशित किया था। साथ ही, 24 अक्टूबर 2024 को पार्टियों को रजिस्ट्रार, ट्रेड यूनियन के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था।

हालांकि, कुछ असंतुष्ट समूह भ्रामक खबरें फैला रहे हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि उच्च न्यायालय ने एमपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन का नाम समाप्त करने का आदेश दिया है। माखन विजयवर्गीय ने इन खबरों को पूरी तरह निराधार बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य यूनियन की छवि को धूमिल करना है।

विजयवर्गीय ने बताया कि 2013 में न्यायालय के निर्देशानुसार, यूनियन के नाम में संशोधन किया गया था, जिसमें 'मध्यप्रदेश' को बदलकर 'एमपी' किया गया। तब भी न्यायालय ने यह स्पष्ट किया था कि नाम का अनुवाद नहीं किया जाता। उन्होंने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय ने कभी भी नाम समाप्त करने का कोई आदेश नहीं दिया है, और न ही यूनियन को किसी प्रकार की कोई नोटिस प्राप्त हुई है।

उन्होंने इस मामले में भ्रामक खबरें फैलाने वालों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की भी बात कही। साथ ही, विजयवर्गीय ने स्पष्ट किया कि यदि आवश्यकता पड़ी तो एमपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के नाम को बनाए रखने के लिए वे उच्च न्यायालय की डबल बेंच और सुप्रीम कोर्ट तक भी लड़ाई लड़ेंगे।

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