खुद विकास की राह देख रहा ब्लॉक मुख्यालय, जिम्मेदारों की खाली कुर्सियां बयां कर रहीं हकीकत

भेटुआ (अमेठी)। डॉ धर्मेंद कुमार तिवारी की रिपोर्ट....47 गांवों को विकास की दिशा दिखाने वाला भेटुआ विकास खंड खुद विकास की बाट जोह रहा है। ब्लॉक परिसर में उगी झाड़ियां और अधिकारियों की खाली पड़ी कुर्सियां इस स्थिति की गवाही दे रही हैं।

लगभग 40 साल पहले अमेठी-सुल्तानपुर मुख्य मार्ग पर नौगिरवा में बने इस ब्लॉक मुख्यालय का उद्देश्य ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करना था। इसके लिए यहां अधिकारियों के आवास भी बनाए गए थे। परंतु समय के साथ यह आवास खंडहर में बदल गए और ब्लॉक परिसर में झाड़ियां उग आईं। अधिकारियों के समय से न आने के कारण ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान भी समय पर नहीं हो पाता।

गुरुवार सुबह, जब इस स्थिति की जांच की गई, तो पाया गया कि साढ़े दस बजे तक खंड विकास अधिकारी की कुर्सी खाली थी। वरिष्ठ सहायक सुमन गुप्ता ने जानकारी दी कि गुरुवार को सभी सचिव और अन्य अधिकारियों की बैठक जनपद में होती है, इसलिए कार्यालय में कोई मौजूद नहीं था। ब्लॉक में फिलहाल केवल तीन स्थायी पद हैं – वरिष्ठ सहायक, एडीओ आईएसबी, और बीडीओ।

ब्लॉक कार्यालय में आए कई फरियादी, अपनी समस्याओं का समाधान न होने के कारण निराश होकर लौट गए। एडीओ आईएसबी कुंवर बहादुर सिंह ने बताया कि बीडीओ की जिम्मेदारी पीडी अमेठी के पास है। जब पीडी अमेठी ऐश्वर्य यादव से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि वे मंगलवार और गुरुवार को भेटुआ आते हैं, लेकिन वे कल यहां आ चुके थे, इसलिए गुरुवार को नहीं आएंगे। फरियादियों के लौटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि एडीओ आईएसबी को कार्यालय में बैठकर समस्याओं का समाधान करना चाहिए।

जिम्मेदार अधिकारियों की इस उदासीनता के चलते जहां सरकार का असहायों और पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने का संकल्प विफल हो रहा है, वहीं उनकी कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

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