गृहमंत्री शाह ने पेश किया शिवराज सरकार का रिपोर्ट कार्ड, देखे एक नजर में

आगामी विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी ने सबसे बड़ी सियासी चाल चली है। एंटी इनकम्बैनसी को थामने के लिये पार्टी ने प्रदेश सरकार के 18 सालों के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुये केद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि 18 सालों में प्रदेश को बीमारू राज्य से विकासशील राज्यों की श्रेणी में प्रदेश के खड़ा कर दिया है। 

केद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस दौरान उन्होने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होने कांग्रेस से 53 सालों का हिसाब भी मांगा..साथ ही जबाव मांगा कि 53 साल शासन करने के बाद प्रदेश को बीमारू राज्य का टैंग कैसे मिला। उधर पेश किये गये रिपोर्ट कार्ड के बाद कांग्रेस ने हमला किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश में 4 लाख करोड़ का कर्ज कैसे हुआ। इसका जबाव देना चाहिये।

सरकार का रिपोर्ट कार्ड के बिंदु

1-मध्यप्रदेश मे प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोत्तरी हुयी है। 
2-सिचाई क्षमता बढ़ने से करोड़ो किसानों को लाभ हुआ है। 
3-भोपाल और इंदौर में मेट्रों ट्रेन चलाने का कार्य किया है। 
4-राज्य की 46 लाख बेटियों को लाड़ली लक्ष्मी योजना से फायदा हुआ है।
5-उज्जैन में महाकाल महालोक बना।
6-चंबल इलाके से डकैत समस्या को खत्म किया। 
7-मेडीकल, इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में शुरू की गयी। 
8-देश की जीडीपी में एमपी का योगदान 3.6 फीसदी था जो अब 4.08 फीसदी हो गया।
9-प्रदेश में तेजी से गरीबों की संख्या घटी।

प्रदेश की उपलब्धियों को गिनाते हुये केद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में 53 साल तक कांग्रेस ने राज किया, लेकिन एसपी को बीमारू राज्य का टैग मिला। उन्होने कमलनाथ के 15 महीनों की सरकार को लेकर भी कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास कियां 

वही कांग्रेस ने बीजेपी के रिपोर्ट कार्ड पर पलटवार किया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश में 4 लाख करोड़ रूपयों क कर्ज हो गया। इस कर्ज से किस वर्ग का भला हुआ। बीजेपी ने इसका जबाव नहीं दिया। 23 जून 2023 को सभी बड़ी योजना की राशि आवंटन पर रोक लगा दी है। न को किसानों की इनकम डबल हुयी और न ही प्रदेश में बेरोजगारों को रोजगार मिल पा रहा है। शिवराज सरकार के 18 सालों के शासन के रिपोर्ट कार्ड को लेकर कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि अपने-अपने दावें किये जा रहे है। इन दावों के बीच में प्रदेश में न तो किसान खुशहाल हो पाया है और न ही बेरोजगारों को रोजगार मुहैया हो पाया है।

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