सफलता के लिए ऑफिस कल्चर में परिवार के समान माहौल को बढ़ावा देना बेहद जरुरी

आज की तेजी से भागती और प्रतिस्पर्धी व्यावसायिक दुनिया में, ऑफिसेस के भीतर परिवार जैसा माहौल बनाना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। औसतन, एक कामकाजी व्यक्ति ऑफिस में लगभग 8 से 9 घंटे बिताता है, जिसमें उसके साथ ही कई सहकर्मी भी काम करते हैं। कहने का अर्थ यह है कि अन्य लोगों के साथ काम करने में उनका आधे से ज्यादा जीवन एक-दूसरे के साथ बीतता है। जबकि, बेशक कुछ लोग यह तर्क दे सकते हैं कि काम पूरी तरह से एक प्रोफेशनल माहौल की छत्रछाया में होना चाहिए। लेकिन तर्क करने वालों को सबसे ज्यादा यह समझने की जरुरत है कि ऑफिस के भीतर परिवार की भावना को बढ़ावा देने से कई लाभ मिलते हैं, जो अंततः प्रोडक्टिविटी और सफलता में वृद्धि का कारण बनते हैं। अपनी कर्मस्थली जितनी अधिक दिल के करीब होगी, उतनी ही अधिक वह फलदायी भी होगी। 

यह भी स्पष्ट है कि एक व्यक्ति को प्रति रात लगभग 7 से 9 घंटे की नींद की आवश्यकता होती है, इसका मतलब है कि किसी व्यक्ति विशेष के जागने के समय का एक बड़ा हिस्सा वास्तव में काम पर खर्च होता है। इस वास्तविकता को देखते हुए, कर्मचारियों की सुविधा, मनोबल, भलाई और कुशलता के लिए सकारात्मक और सहायक वर्क एन्वायर्नमेंट और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण है अपनापन। यदि कर्मस्थली पर व्यक्ति को यह महसूस होने लगे कि यहाँ हर व्यक्ति मेरा अपना है और मुझे तवज्जो देता है, तो उसके काम करने की शक्ति कई स्तर ऊपर उठ जाती है। 

काम है, तो कई बार दबाव की स्थिति भी बन ही जाती है। ऐसे समय में व्यक्ति को सबसे पहले किसी अपने की जरुरत होती है। इस स्थिति में कोई अपना नहीं होता, या कोई समझने-समझाने वाला नहीं होता है, तो हमारी कर्मस्थली ही हमें काटने लगती है। हालाँकि, यह कुछ ही दिन चलने वाली प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन विपरीत परिस्थिति में मन में एक गुबार हमेशा रह ही जाता है कि उस समय में मेरे साथ कौन खड़ा था। और सच मानिए, वही व्यक्ति अपना है। 

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