प्रतिभा पर्व में कम राशि मिलने पर स्कूल संचालक चिंतित, अधिकारियों से की राशि बढाने की मांग

रायसेन. बच्चों में शैक्षणिक अभिरुचि बढाने और उनकी योग्यता का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित होने वाले प्रतिभा पर्व के लिए महज 1 हजार रुपए की राशि दी जा रही है। जबकि इससे पहले 3 हजार का बजट था। इतने बड़े आयोजन के लिए कम राशि मिलने से स्कूल संचालक भी चिंतित हो गए हैं।मप्र राज्य शिक्षा केंद्र ने जिले की प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में 13 से 15 दिसंबर तक प्रतिभा पर्व मनेगा।

अधिकारियों से राशि बढाने की मांग

इस दौरान मूल्यांकन बालसभाएं,वार्षिकोत्सव समारोह, पुरस्कार वितरण सहित अन्य आयोजन पर करीब 5 हजार रुपए खर्च होंगे। जबकि राशि 1 हजार रुपए निर्धारित की है। कम राशि में बड़ा कार्यक्रम कैसे होगा इसको लेकर प्राचार्य व शिक्षक बेहद चिंतित है। फिलहाल बजट कट जाने से शिक्षक चिंतन मंथन में जुटे हुए हैं।  शिक्षकों ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से राशि बढाने की मांग की है। क्योंकि इतनी कम राशि में प्रतिभा पर्व मनाना संभव नहीं है।

हर साल स्कूल के लिए तीन हजार रुपए दिए जाते थे

दरअसल गणित, पर्यावरण, सामाजिक विज्ञान और हिंदी में होता है मूल्यांकन । प्रतिभा पर्व में कक्षा तीसरी से आठवीं तक के बच्चों का मूल्यांकन टेस्ट के माध्यम से किया जाता है। हिंदी, गणित, पर्यावरण अध्ययन, सामाजिक विज्ञान विषय के मूल्यांकन में बेहतर बच्चों को पर्व के अंतिम दिन पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है। शिक्षा विभाग के मुताबिक हर साल स्कूल के लिए तीन हजार रुपए दिए जाते थे। अब कई शिक्षक शिकायत कर रहे हैं कि राशि बहुत कम है। कैसे यह आयोजन पूरा हो सकेगा। यह जांच का विषय है।

औपचारिकता न रह जाए वार्षिकोत्सव 

शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं के अध्यापकों का कहना है कि इतनी एक हजार रूपए की रकम तो पुररूकार खरीदने और  वितरण में ही खर्च हो जाती है। ऐेस में यह आयोजन भव्यता के साथ कैसे खर्च होगा?अबर राशि नहीं बढ़ाई तो कई जगहों के आयेाजन सिर्फ औपचारिक बनकर रह जाएंगे। छोटे बच्चों के लिए प्रतिभा पर्व किसी वार्षिकोत्सव से कम नहीं होता। इसमें शामिल होने वाले अभिभावकों के लिए स्वल्पाहार व टेंट, माइक के इंतजाम भी करना पड़ते हैं।
कंट्रोल रूम भी बना है 

ऐसे में आयोजन भव्यता के साथ कैसे हो सकेगा?

दिसंबर महीने में होने जा रहे  प्रतिभा पर्व के लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। मूल्यांकन कक्ष ही राज्य कंट्रोल रूम है। जिसका नंबर 0755.2552362 है। औपचारिकता न रह जाए,इतने में तो वार्षिक उत्सव भी नहीं होते हैं।शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापकों का कहना इतनी राशि तो अकेले पुरस्कारों पर ही खर्च हो जाती है। ऐसे में आयोजन भव्यता के साथ कैसे हो सकेगा? राशि नहीं बढ़ाई तो कई जगह आयोजन औपचारिक बनकर रह जाएंगे। छोटे बच्चों के लिए प्रतिभा पर्व किसी वार्षिकोत्सव से कम नहीं होता। इसमें शामिल होने वाले अभिभावकों के लिए स्वल्पाहार व टेंट की व्यवस्था भी करना होती है।

प्रतिभा पर्व के लिए पहले तीन हजार रूपए की राशि मिलती थी । लेकिन इस बार सालभर की शाला संचालन के लिए मिलने वाली राशि एकीकृत रूप से प्राप्त होगी । इस वजह से यह निर्णय लिया गया है। - विजय नेमा जिला शिक्षा केंद्र डीपीसी रायसेन । 

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