आखिर चंदेरी रेल लाइन पर बजट आवंटन क्यों नहीं

संवाददाता  निर्मल कुमार विश्वकर्मा की रिपोर्ट

* आखिर चंदेरी रेल लाइन पर बजट आवंटन क्यों नहीं 

 

चंदेरी के रास्ते पिपरई गांव और ललितपुर को जोड़ने वाली 80 किलोमीटर रेल लाइन जिसका की उल्लेख वर्ष 2012 के रेल बजट भाषण में हो चुका है .

 

यह  रेल लाइन पिछले 6 वर्षों से बजट आवंटन के अभाव में निर्माण के लिए तरस रही है जबकि गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र  ज्योतिरादित्य सिंधिया का संसदीय क्षेत्र है।

यह अवगत कराना उचित होगा कि सांसद सिंधिया  के अथक प्रयासों के द्वारा ही यह रेल लाइन 2012 के बजट भाषण में अपनी जगह बना पाई थी परंतु इसके पश्चात इस रेल लाइन पर बजट आवंटन ना होने के कारण यह पिछड़ी हुई है।

 

 

ललितपुर पिपरई रेल लाइन पर लगा रखा है नेगेटिव रेटिंग का ठप्पा।

  

 

ज्ञात जानकारी में रेल विभाग इस रेल लाइन पर नेगेटिव रेटिंग का ठप्पा लगाकर इस रेल लाइन पर बजट आवंटन के लिए फाइल आगे नहीं बढ़ा रहा है जबकि सभी जिम्मेदार लोगों को सांसद सिंधिया को  मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन शिवराज सिंह  को एवं दोनों ही पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं को इस संबंध में लिखित कार्रवाई से अवगत करा दिया गया है।

 

 यहां तक कि सोशल मीडिया के माध्यम से भी आम जनमानस को एवं जनप्रतिनिधियों को इस रेल लाइन की वस्तुस्थिति से अवगत कराया जा चुका है, परंतु दुर्भाग्य है कि है रेल लाइन आज तक बजट आवंटन के अभाव में पिछड़ी हुई है ।

 

कुछ समय पूर्व मिली कई रेलवे लाइनों की मंजूरी।

 

गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों पूर्व भी केंद्र और राज्य के परस्पर सहयोग और समन्वय से माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन द्वारा इंदौर से बुधनी लम्बाई 205 किलोमीटर जिसकी लागत 3261.82 करोड रुपए है , इंदौर से मनमाड 362 किलोमीटर लंबी जिसकी लागत लगभग 8,600 करोड रुपए है।

और दिनांक 3 अक्टूबर 2018 बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मध्य प्रदेश के 2 बड़े शहर इंदौर और भोपाल में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई है जिसमें इंदौर शहर के लिए 31.55 किलोमीटर का मेट्रो प्रोजेक्ट जिसकी लागत 7580 करोड रुपए होगी एवं भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट जिसकी लंबाई 27. 87 किलोमीटर लंबी होगी जिसकी लागत लगभग 6941.40 करोड़ रुपए होगी को मंजूरी मिल चुकी है। फिर मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक नगरी चंदेरी से होकर गुजरने वाली रेलवे लाइन जिसकी कुल दूरी 80 किलोमीटर है और जिस की कुल लागत 400 करोड रुपए होगी को मंजूरी क्यों प्राप्त नहीं हो रही है।

 

 

भाजपा और कांग्रेस दोनों राजनीतिक पार्टियों के बीच के समर में फंसी ललितपुर पिपरई रेलवे लाइन।

 

*हाल ही में मीडिया रिपोर्ट के अनुसार श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया चंदेरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे मैसेज से स्पष्ट हुआ है* यह सीट ज्योतिरादित्य सिंधिया के  संसदीय क्षेत्र गुना शिवपुरी  के अंतर्गत है। विधानसभा सीट क्रमांक 33 चंदेरी- ईसागढ़ विधानसभा क्षेत्र कहलाती है से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं यहां अवगत करा दें कि पिछले बार मुंगावली उपचुनाव में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी और क्षेत्र में कई सौगातें चुनाव जीतने के लिए उन्होंने दी थी जिनमें पिपरई में कॉलेज का खोलना साडोरा में कॉलेज का खोलना सहराई में महाविद्यालय खोलना तथा मुंगावली को स्मार्ट सिटी बनाना था परंतु दुर्भाग्य है कि माननीय मुख्यमंत्री जी शिवराज सिंह चौहान को चंदेरी रेल लाइन पर बजट आवंटन के लिए भी तत्सम  स्थानीय लोगों के द्वारा अवगत कराया गया था जिस पर मुख्यमंत्री जी ने कोई ध्यान नहीं दिया अब जब चुनाव की बेला सिर पर है तब क्षेत्र की जनता ने दोनों की मुख्य व्यक्तियों से अपेक्षा की है कि वर्चस्व की लड़ाई को छोड़कर क्षेत्र की जनता के हित में चंदेरी रेल लाइन पर बजट आवंटन की प्रक्रिया को तेज कर दें।और इसके निर्माण की प्रक्रिया को अंजाम दे दें ।

 

उचित होगा कि नेताओं की आपसी खींचतान एवं वर्चस्व की लड़ाई में विकास की बात को पीछे नहीं रहना चाहिए *क्षेत्र की जनता के द्वारा पिछले 6 माह पूर्व 400 लोगों के हस्ताक्षर युक्त मांग पत्र भारत के रेल मंत्री जी को एवं सांसद श्री सिंधिया जी को प्रेषित किए हैं इसके पश्चात लगातार पत्र व्यवहार होते हुए रेल लाइन पर बजट आवंटन कराए जाने का आग्रह निरंतर किया जा रहा है परंतु यह बड़ा दुर्भाग्य जनक बात है कि अभी तक इस रेल लाइन पर बजट आवंटन की प्रक्रिया अंतिम मोड़ पर नहीं पहुंच पाई है*

 

यह रेल लाइन चंदेरी के पर्यटन विकास के लिए चंदेरी नगर के औद्योगिक विकास के लिए क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत आवश्यक है जिसका की निर्माण प्रारंभ होना ही चाहिए प्रश्न प्रतिष्ठा एवं वर्चस्व का भी बन गया है यदि सिंधिया जी रेल लाइन को जल्दी से जल्दी बजट करा देते हैं तो अपने क्षेत्र में वर्चस्व की लड़ाई में आगे बढ़ जाएंगे वहीं श्री शिवराज सिंह चौहान जो इस क्षेत्र को अपनी प्रतिष्ठा की लड़ाई लड़ रहे हैं यदि वह भी इस रेल लाइन को बजट आवंटन करा देते हैं तब इसका पॉलीटिकल लाभ ले पाएंगे ।

 

पर प्रश्न यह है कि दो लोगों की लड़ाई में  रेल लाइन क्यों पिछड़े ऐसा नहीं होना चाहिए।

 

 आम जनमानस में यह विचार तीव्रता से कोंध रहा है।

अब यह देखना होगा कि ज्योदिरादित्य सिंधिया  या शिवराज सिंह चौहान कौन इस रेल लाइन पर बजट करा पाता  है, पर हां जो भी सबसे पहले बजट आवंटन की प्रक्रिया में आगे बढ़ा देगा अपने राजनीतिक एवं आगामी चुनाव में इसका भरपूर लाभ ले पाएगा इसमें जरा भी कोई संदेह नहीं है।*

 

यहां यह बताना उचित होगा कि अभी हाल ही में भारत सरकार रेल मंत्रालय द्वारा इंदौर मनमाड़ रेल लाइन तथा इंदौर बुधनी रेल लाइन को मंजूरी दी जा चुकी है तथा बिलासपुर अनूपपुर रेल लाइन के तीसरे ट्रैक की भी मंजूरी मिल चुकी है परंतु चंदेरी रेल लाइन जो पिछले 6 साल से बजट आवंटन के अभाव में निर्माण की प्रक्रिया में आगे नहीं बढ़ पा रही है इस पर अब दोनों ही दलों के नेताओं का ध्यान होना चाहिए और शीघ्र शीघ्र इस पर बजट आवंटन होना चाहिए ।

*यह आम जनता की एक स्वर में मांग है जिसको दरनिकार करने का मतलब क्षेत्र के विकास से राजनेताओं का लगाओ ना होना स्पष्ट परिलक्षित करेगा*

 इस स्थिति से बचने के लिए आम जनता की मांग को आगे बढ़ाते हुए यह सुनिश्चित करना होगा कि चंदेरी रेल लाइन पर शीघ्र बजट आवंटन हो कर तुरंत इस पर निर्माण की प्रक्रिया चालू हो सके।

 

 

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