रेनो इंडिया ने रचा इतिहास: उमलिंग ला की ऊंचाइयों पर पहुंचने वाली पहली कार निर्माता कंपनी बनी

  • रेनो इंडिया की शानदार ड्राइव ने लद्दाख की चुनौतीपूर्ण जगहों पर 1000 किलोमीटर की दूरी पूरी की।
  • कंपनी की सभी गाड़ियाँ लद्दाख की मशहूर जगहों जैसे चांग ला पास, पैंगोंग त्सो, हानले और उमलिंग ला पास से गुजरीं।
  • मुश्किल हालात में भी गाड़ियों का टिकाऊपन और शानदार प्रदर्शन देखने को मिला।

नई दिल्ली : रेनो इंडिया ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है, अपनी सभी गाड़ियाँ दुनिया की सबसे ऊँची मोटरेबल रोड, उमलिंग ला टॉप, तक ले जाने वाली पहली कार निर्माता कंपनी बनकर। यह खास एक्सपेरिएंशल ड्राइव 29 अगस्त को लेह, लद्दाख की खूबसूरत पहाड़ियों से शुरू की गई थी।


इस ड्राइव ने 1,000 किलोमीटर से ज्‍यादा की दूरी तय की और यह लद्दाख क्षेत्र के चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों से होकर गुजरी। इसमें रेनो इंडिया के कई शानदार वाहन नजर आए जिसमें रेनो काइगर, क्विड और ट्राइबर शामिल थीं। इस यात्रा ने दुनिया में ड्राइविंग की कुछ सबसे कठिन स्थितियों के लिये रेनो के वाहनों की ड्यूरैबिलिटी और शानदार परफॉर्मेंस का प्रदर्शन किया। साथ ही इन वाहनों की हर तरह के क्षेत्र में आसानी से चलने की योग्‍यता भी देखने को मिली।
इस मौके पर रेनो इंडिया के कंट्री सीईओ और प्रबंध निदेशक, श्री वेंकटराम मामिलापल्ली ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, "उमलिंग ला पास पर अपनी सभी गाड़ियाँ लेकर जाने वाली पहली कार निर्माता कंपनी बनने पर हमें गर्व है। यह यात्रा रेनो के रोमांच और हमारे वाहनों की मजबूती को साबित करती है। इससे यह भी दिखता है कि हम अपने ग्राहकों को सबसे बेहतरीन ड्राइविंग अनुभव देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। रेनो की गाड़ियाँ सिर्फ शहरों के लिए नहीं, बल्कि हर चुनौतीपूर्ण रास्ते के लिए बनाई गई हैं।"


यह ड्राइव लेह से शुरू होकर चांग ला पास, पैंगोंग त्सो, हानले, और आखिर में उमलिंग ला पास जैसी मशहूर जगहों से गुजरी। इसमें शामिल लोगों को लद्दाख की खूबसूरती का आनंद लेने का मौका मिला। यात्रा के दौरान हानले में एक स्टॉप भी था, जहां प्रतिभागियों ने धरती के सबसे साफ आसमान के नीचे बैठकर तारों का नज़ारा किया। कुल मिलाकर, यह अनुभव बेहद खास और जादुई रहा।


क्विड के आरएक्सएल (ओ) वेरिएंट में 8-इंच का टचस्क्रीन मीडिया एनएवी सिस्टम है, जो इसे इस फीचर के साथ सबसे किफायती हैचबैक बनाता है। सुरक्षा के लिए, अब सभी वेरिएंट्स में रियर सीटबेल्ट रिमाइंडर भी आता है। क्विड में 14 से ज्यादा सेफ्टी फीचर्स स्टैंडर्ड के तौर पर मिलते हैं, जिससे यह अपनी श्रेणी में सबसे सुरक्षित कारों में से एक बनती है। इसके अलावा, ऑटोमैटिक कार खरीदने वाले ग्राहकों के लिए क्विड ने आरएक्सएल (ओ) ईज़ी-आर एएमटी वेरिएंट पेश किया है, जो इसे भारत की सबसे किफायती ऑटोमैटिक कार बनाता है।


ट्राइबर को खास तौर पर भारतीय परिवारों के लिए डिजाइन किया गया है। यह एक मॉड्यूलर गाड़ी है, जिसमें अच्छी खासी जगह मिलती है। इसके नए फीचर्स में 7-इंच का टीएफटी इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर और वायरलेस चार्जर शामिल हैं, साथ ही ड्राइवर सीट आर्मरेस्ट और पावर फोल्डिंग ओआरवीएम जैसी सुविधाएं भी हैं। कुल मिलाकर, ट्राइबर अपने हर वेरिएंट में बेहतरीन फीचर्स देती है और यह भारत की सबसे किफायती 7-सीटर ऑटोमैटिक कार है।


काइगर अपनी शानदार सेमी-लेदरेट सीटों और लेदरेट स्टीयरिंग व्हील के साथ ड्राइविंग का अनुभव और बेहतर बनाती है। इसमें नए फीचर्स जैसे ऑटो फोल्ड ओआरवीएम और बिना किनारों वाला ऑटो डिम आईआरवीएम शामिल हैं। टर्बो इंजन वेरिएंट में अब रेड ब्रेक कैलिपर्स मिलते हैं, और नए आरएक्सएल और आरएक्सटी (ओ) वेरिएंट्स के साथ गाड़ियों की रेंज और भी बढ़ा दी गई है, जिससे ग्राहकों को चुनने के लिए कई विकल्प मिलते हैं।
रेनो इंडिया की ड्राइविंग के बेहतरीन अनुभव देने की प्रतिबद्धता इस उपलब्धि में साफ दिखाई देती है। इस तरह कंपनी ने ऑटोमोबाइल उद्योग में अपनी जगह और भी मजबूत कर ली है।

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