अपने कर्तव्यों के प्रति और अधिक हो सक्षम-सशक्त- एसपी

शाजापुर/ आदित्य शर्मा। जिले में पुलिस अनुसंधानकर्ताओं को अपने कर्तव्यों के प्रति और अधिक सक्षम-सशक्त तथा उनकी कार्य शैली में दक्षता उन्नयन के उद्देश्य से स्थानीय सीसीटीवी कन्ट्रोल रूप पर जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ एसपी यशपाल राजपूत ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर एएसपी टी.एस.बघेल ने एनडीपीएस एक्ट में मादक पदार्थों के संबंध में कार्यवाही व अनुसंधान किस प्रकार से किया जावे तथा पासपोर्ट  प्रक्रिया व विवेचना को लेकर कार्यशाला की विषय वस्तु के बारे में विस्तार से बताया।

एसपी यशपाल राजपूत ने विवेचकगणों व प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि अपराधों में हर स्तर पर बारीकी से जांच होनी चाहिए और इसमें थोड़ी सी भी चूक अपराधी के बचाव में सहायक हो सकती है। सभी प्रकार के अपराधों  में फोरेंसिक साक्ष्य अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्हाैने कहा कि अनुसंधानकर्ताओं को जॉच के दौरान सभी पहलुओं का विशेष ध्यान रखना चाहिये साथ ही अपराधों की जांच में साक्ष्यों का संकलन तथा घटना स्थल के निरीक्षण के समय ध्यान रखने वाली बारीकियों के बारे में बताया गया। लोक अभियोजक महेन्द्र परमार ने प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि स्वापक ओषधियों और मनःप्रभावी पदार्थों पर भारत के संविधान के अनुच्छेद 47 में दर्शाया गया है  कि राज्य नशीले पेयों और दवाओं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, के प्रयोग पर केवल चिकित्सा संबंधी उद्देश्यों को छोड़कर प्रतिबंध लगाने का प्रयास करेगा। चिकित्सा उद्देश्यों को छोड़कर, नशीली दवाओं के प्रयोग को रोकने के लिए इसी सिद्धांत को नशीली दवाओं से संबंधित तीन अंतर्राष्ट्रीय कन्वेशनों यथा सिंगल कन्वेंशन आन नाकोटिक ड्रग्स, 1961 कन्वेंशन आन साइकोट्रापिक सब्स्टेन्सेस, 1971 और यू०एन० कन्वेंशन एगेन्स्ट इल्लिसिट ट्रैफिक इन नार्कोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेन्सेस, 1988 में भी अपनाया गया। 

उन्हौने कहा कि भारत में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और उसके व्यापार को रोकने के लिए अपनी कटिवद्धता प्रकट भी की है। कार्यशाला में एएसपी टी.एस.बघेल ने  प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि पासपोर्ट के लिए आनलाइन सेवा बहाल होने के बाद सत्यापन  (वेरिफिकेशन) की प्रक्रिया में हर स्तर पर बारिकी से जांच होनी चाहिए और इसमें थोड़ी सी भी चूक भारी हो सकती है। वेरिफिकेशन में  पासपोर्ट के लिए आवेदन करने वाले व्‍यक्ति की गतिविधियों की जांच  होना चाहिए। उन्हाैने कहा कि अनुसंधानकर्ताओं को जॉच के दौरान सभी पहलुओं का विशेष ध्यान रखना चाहिये। दस्तावेज  निरीक्षण के समय ध्यान रखने वाली बारीकियों के बारे में भी बताया गया।

यह रहे मौजूद:-

इस अवसर पर एसडीओपी बेरछा त्रिलोकचन्द्र पंवार, एसडीओपी शुजालपुर पदमसिंह बघेल, एसडीओपी गोपाल सिंह, कोतवाली थाना प्रभारी ब्रजेश मिश्रा, लालघाटी थाना प्रभारी संजय वर्मा, मक्सी थाना प्रभारी भीमसिंह पटेल, सुन्दरसी थाना प्रभारी अर्जुनसिंह मुजाल्दे, कालापीपल थाना प्रभारी जितेन्द्र वर्मा अकोदिया थाना प्रभारी दिपेश व्यास, सुनेरा थाना प्रभारी गोपाल निगवाल, अवन्तिपुर बडोदिया आर.के.पटेल, दुपाड़ा चौकी प्रभारी अंकित मुकाती,  महिला थाना प्रभारी श्रीमती सोंलकी, सुबेदार सोनू वर्मा, सुबेदार सीमा मोर्या, श्रीमती दिपीका डावर, यातायात थाना प्रभारी रवि वर्मा सहित पुलिस कर्मचारीगण मौजूद थे।

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