भाजपा नेत्री की मौत या हत्या? गुत्थी में उलझी दो प्रदेशों की पुलिस

निर्मल विश्वकर्मा/अशोकनगर : चंदेरी 11 सितंबर 2023 विधानसभा चुनाव के ठीक पहले अकस्मात गायब हुई चंदेरी की शादीशुदा महिला जो अपने लग्जरी लाइफ़स्टाइल के लिए जानी जाती थी जिसके लापता होने से ठीक 18 दिन बाद 29 सितंबर 2023 को चंदेरी थाने में गुमशुदगी प्रकरण क्रमांक 52/2023 पर गुमशुदा महिला के भाई ने दर्ज कराई थी गुमशुदा महिला के मोबाइल की लास्ट लोकेशन मिर्जापुर उत्तर प्रदेश में ट्रेस की गई  उक्त महिला  का शव 21 सितंबर 2023 को गुमशुदगी  दर्ज होने के तीन दिन पहले 26 सितंबर को उत्तर प्रदेश पुलिस ने बरामद किया जिनके पीठ और हाथ पर टैटू के निशान थे मृतक महिला के शरीर पर बने टैटू के आधार पर स्पष्ट हो सका की यह उस गुमशुदा महिला का ही शब है जो विधानसभा चुनाव के ठीक पहले अकस्मात गायब हुई थी मध्य प्रदेश के कई जिलों में इस हाई प्रोफाइल महिला के मामले की गूंज है किंतु जिम्मेदार लोग इस मामले में कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं क्योंकि इस गुमशुदगी रूपी हत्याकांड या मौत में  मंत्री, विधायक ,पूर्व जिला अध्यक्ष एवं कई अन्य सत्ताधारी दल के लोगों सहित  चंदेरी के प्रशासनिक महकमे के लोगों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।

दोनों प्रदेश की पुलिस पर उठ रहे सवाल

विधानसभा चुनाव वर्ष 2023 के ठीक पहले सितंबर माह में गायब हुई चंदेरी थाना अंतर्गत ग्राम टांडा निवासी शादीशुदा महिला ममता यादव जो अपनी लग्जरी लाइफ़स्टाइल महंगी होटलो में पार्टी, डांस पार्टी , बड़े शहरों में घूमने का शौक रखने वाली महिला के रूप में जानी जाती थी। जो भाजपा मंडल महामंत्री होने के साथ-साथसत्ताधारी दल के कुछ राजनेताओं के करीबी होकर उनकी राजदार भी थी। ममता का ठीक विधानसभा चुनाव के पहले अकस्मात गायब हो जाना तथा दशवान सिवान,माडा थाना ,प्रयागराज उत्तरप्रदेश के जंगलों में क्षत बिक्षत हालत में शव का मिलना, ममता की बर्बरता,क्रूरता पूर्वक की गई हत्या की ओर आशंकित करता  है। जिसका माडा पुलिस द्वारा बिना मर्ग कायम किये पोस्टमार्टम पश्चात दफनाया जाना और मौत का कारण पानी में डूब कर होना बताकर मृतक महिला के शरीर पर बने टैटू के आधार पर उसकी शिनाख्ती ममता यादव के रूप में की जाकर मामले की विवेचना के लिए चंदेरी जिला अशोकनगर मध्य प्रदेश की पुलिस को मृतक महिला के मौत का मर्ग कायम किए बिना, मौत के कारणों की बिना जांच किए पोटमार्डम पश्चात, दफनाना, बिसरा और आवश्यक दस्तावेज ले जाने के लिए पत्राचार करना अपने आप में उत्तर प्रदेश पुलिस की गंभीर लापरवाही और अनियमित कार्य प्रणाली को बयां करती है।

हालांकि इस मामले से मध्य प्रदेश जिला अशोकनगर की पुलिस ने भी अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास किया है अशोकनगर पुलिस द्वारा बताया गया कि यह समस्त घटनाक्रम उत्तर प्रदेश में घटा है तो इसके जांच की जिम्मेदारी भी उत्तर प्रदेश पुलिस की ही है इस प्रकार ममता की मौत  के कारणों  की जांच से दोनो प्रदेशों की पुलिस का पल्ला  झाड़ना  दोनों प्रदेश की पुलिसीय कार्य प्रणाली पर भी सवाल पैदा कर रहे है।

नेताओं एवं प्रशासनिक महकमे की राजधार थी ममता

विधानसभा चुनाव 2023 से ठीक पहले चुनाव टिकट वितरण के दौरान ममता को लेकर चर्चा का जो विषय तेज हुआ उसके साथ विधायक, मंत्री सहित पूर्व जिला अध्यक्ष के कई संजीदा राज एवं वीडियो होने की जानकारी अंदर खाने चर्चा का विषय बनी। ममता की मां की माने तो ममता के मोबाइल में कई राजनेताओं तथा पुलिस प्रशासन के महकमे से जुड़े लोगों की करीबी होने के राज समाहित थे, जो विधानसभा चुनाव प्रभावित करने के लिए काफी थे। जिसको लेकर कुछ लोगों द्वारा ममता के घर में घुसकर उसके साथ जबरन केवल मोबाइल को छीनने का ही प्रयास किया गया।

लापता होने के ठीक पहले ममता ने अपना जन्मदिन एक महंगी होटल में मनाया। सोशल मीडिया पर उन लोगों के खिलाफ वीडियो वायरल कर उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की चेतावनी भी दे डाली। जिनके राज ममता के मोबाइल में बंद थे। समस्त घटनाक्रम के बाद ममता की आखिरी लोकेशन उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में ट्रेस की गई, साथ ही किसी रमापति द्विवेदी से उसकी आखरी बार बात होना भी पाया गया। हालांकि ममता यादव की मृत्यु के पहले सितंबर माह में कई संदिग्ध नंबरों से उसकी लगातार बात होती रही जो नंबर किसी अन्य व्यक्ति के नाम से सिम जारी करा कर रसूखदार लोगों द्वारा चलाए जा रहे थे। 

ममता यादव का इस प्रकार विधानसभा चुनाव के पहले अकस्मात गायब होना और उसकी मृत्यु के कारणों  का पता न चलना अपने आप में जांच का विषय है इसको लेकर ममता यादव के परिजनों द्वारा शासन प्रशासन से निष्पक्ष, सूक्ष्म जांच की मांग की जाने लगी है जिससे ममता यादव के परिजनों सहित उसकी अबोध बालिका  को न्याय मिल सके ।

जांच योग्य विचारणीय बिंदु

(1) समय रहते चंदेरी पुलिस ने ममता यादव की गुमशुदगी क्यों दर्ज नहीं  की फिर  गुमशुदगी दर्ज होने के बाद चंदेरी पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्यवाही क्यों नहीं की गई।

(2) मृतक महिला सत्तादारी दल  की पदाधिकारी थी इसका राजनैतिक हस्तक्षेप भी था जन चर्चा में यह बात घूम रही है कि महिला की मौत किसी राजनैतिक गहरे षड्यंत्र का हिस्सा भी हो सकती है जिसकी व्यापक जांच आवश्यक है जिससे मृतक महिला तथा उसके परिजनों को न्याय मिल सकेगा ।

(3) बिसरा रिपोर्ट की फोरेंसिक जांच कराई जानी चाहिए मृतिका की बॉडी यदि सुरक्षित है तो मेडिकोलीगल व्यापक जांच हो सकती है यदि मृतका की बॉडी उपलब्ध नहीं है तो माडा पुलिस ने पोस्टमार्टम एवं शव बरामदगी के समय वीडियो ग्राफी कराई होगी उसे आधार पर भी मेडिको लीगल एक्सपर्ट के द्वारा मौत के कारणों की पुष्टि हो सकती है।

(4) यदि चंदेरी पुलिस,माडा उत्तरप्रदेश पुलिस एवं पुलिस अधीक्षक अशोकनगर सही रूप से चाहे ले तो मृतक महिला के द्वारा उपयोग किए गए समस्त मोबाइल की कॉल डिटेल, लोकेशन एवं सोशल मीडिया चैटिंग जो मोबाइल कंपनियों के सर्वर से रिकवर किए जा सकते हैं इसकी व्यापक जांच कराई जाना भी सुनिश्चित करा सकते हैं। ताकि मौत के कारणों  का सही रूप से खुलासा हो सके।

(5) मांडा थाना प्रयागराज उत्तर प्रदेश एवं चंदेरी थाना अशोकनगर मध्य प्रदेश इन दोनों थानों की पुलिसों के द्वारा की गई निष्क्रिय कार्रवाई के द्वारा एक विवाहित महिला की मौत  की परिस्थितियां संदिग्ध हो गई है इस गुत्थी को सुलझाना अब चंदेरी पुलिस का दायित्व है क्योंकि मृतक महिला चंदेरी तहसील ग्राम टांडा शकरपुर की रहने वाली थी और उसकी गुमशुदगी भी चंदेरी थाने में दर्ज कराई जा चुकी थी।

(6) माडा थाना प्रयागराज के द्वारा मर्ग कायम किए बिना मृतक महिला का पोस्टमार्टम करवाना और मृतक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के कारणों  की पूरी जांच ना कर समस्त दस्तावेज एवं बिसरा अशोकनगर पुलिस को ले जाने के लिए पत्राचार करना उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्य प्रणाली को संदेहास्पद बनाता है।

चंदेरी तहसील की विवाहित महिला की मौत अब जन चर्चा का विषय बन चुकी है और लोग यह चाहते हैं कि चंदेरी क्षेत्र की विवाहित महिला को मौत के पश्चात न्याय मिले। यह कार्य पुलिस बखूबी कर सकती है, क्योंकि  कई सारे प्रकरणों में पुलिस द्वारा मौत के पश्चात भी मौत के कारण एवं अपराधियों का खुलासा किया गया है।

ममता यादव के अकस्मात गायब हो जाने तथा संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाने पर जो एक राजनीतिक सन्नाटा व्याप्त है। वह कई प्रश्न खड़े कर रहा है कि उक्त महिला की मौत में गहरा राज छुपा हुआ है। इसमें कई लोगों की संलिप्तता भी हो सकती है। मृतक महिला को न्याय एवं मौत का खुलासा किया जाना बेहद जरूरी हो गया है, जिससे इस गहरे षड्यंत्रकारी शादीशुदा महिला के मौत कांड में शामिल अपराधियों की धर पकड़ हो सके तथा एक पिता, माता भाई एवं अबोध बालिका को कानूनी एवं वैधानिक रूप से न्याय मिल सके।

इस प्रकरण में भी चंदेरी पुलिस एवं पुलिस अधीक्षक से अपेक्षा है कि थाना मांडा प्रयाग राज पुलिस से मृतक महिला संबंधित दस्तावेज वीडियो फुटेज पोस्टमार्टम रिपोर्ट बिसरा आदि प्राप्त कर इसकी व्यापक मेडिकल जांच करते हुए इस संदिग्ध मौत कांड की गुत्थी को सुलझा सकें जो पुलिस को करना चाहिए।

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