शाजापुर में राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा, जिला अस्पताल में नेत्रदान पंजीयन जारी 

शाजापुर/आदित्य शर्मा। जिले में नेत्रदान के बारे में आमजन में जागरूकता बढ़ाने, उससे जुड़े भ्रमों की सच्चाई से लोगों को अवगत कराने और लोगों को मृत्यु बाद नेत्रदान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से कलेक्टर ऋजु बाफना के मार्गदर्शन व निर्देशन में जिला अस्पताल में राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान आमजनो में नेत्रदान के लिए बाधाओं को तोड़ने, जागरूकता बढ़ाने तथा नेत्रदान की संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ नेत्रदान के महत्व को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाकर नेत्र परिक्षण भी किया जा रहा है जिसमें महिलाएं व आमजन अपनी नेत्रो का परिक्षण करा रहे है। 

जिला अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज पंचोली ने बताया कि नेत्रदान पखवाड़े का उद्देश्य लोगों को नेत्रदान के महत्व के बारे में शिक्षित करने के साथ नेत्रदान के तथ्य मोतियाबिंद, दूरदृष्टि या दूरदृष्टि दोष, ऑपरेशन की गई आंखों या सामान्य बीमारियों से पीड़ित कोई भी व्यक्ति, चाहे उसकी उम्र, लिंग, धर्म या रक्त समूह कुछ भी हो, अपनी आंखें दान कर सकता है। यह 25 अगस्त से 8 सितंबर तक राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है।

जिला अस्पताल सिविल सर्जन डॉ. एम.के.जोशी ने बताया कि आंखें मानव शरीर का एक बहुत ही कीमती अंग हैं। व्यक्ति को मरने के बाद आंखों को जलाकर या दफनाकर बर्बाद नहीं करना चाहिए। मृत इंसान की आंखें दान करने से दो दृष्टिहीन लोगों को दृष्टि मिल सकती है वहीं नेत्रदान करने से कॉर्नियल ब्लाइंडनेस से पीड़ित लोगों को अपनी दृष्टि वापस पाने में मदद मिल सकती है।

सिविल सर्जन डॉ.एम.के.जोशी ने बताया कि नेत्र प्रत्यारोपण यूं तो व्यक्ति की मृत्यु के बाद होता है लेकिन कोई भी व्यक्ति अपनी आयु, लिंग और रक्त समूह की परवाह किए बिना अपने जीवित रहते हुए आंखें दान करने के लिए स्वयं को पंजीकृत कर सकते हैं।

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