इंडेक्स मेडिकल कॉलेज द्वारा  गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस (जीसीपी) और एनडीसीटी एक कार्यशाला का आयोजन

इंदौर। इंडेक्स मेडिकल कॉलेज,मालवांचल यूनिवर्सिटी इंदौर में एसोसिएशन ऑफ माइक्रोबायोलॉजिस्ट आफ इंडिया के सहयोग से कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें गुड क्लिनिकल प्रैक्टिस (जीसीपी) और एनडीसीटी (नई दवाओं और क्लिनिकल परीक्षण) प्रशिक्षण कार्यशाला में विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी गई। यह कार्यशाला प्रतिभागियों को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के मानकों के अनुसार दवा के विकास और अध्ययन में विभिन्न हितधारकों की नैतिकता, नियम, विनियम, भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में प्रशिक्षित करने हेतु आयोजित की गई थी। इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया व वाइस चेयरमैन मयंकराज सिंह भदौरिया ने कार्यशाला की सराहना की।

 इंडेक्स मेडिकल कॅालेज के डीन डॅा.जीएस पटेल ने कहा कि क्लिनिक ट्रायल एक योजनाबद्ध तरीके से किया जाता है। इसमें कई तरह के नियमों एवं मानकों का ध्यान रखना इसकी पहली प्राथमिकता होती है। वाइस डीन डॉ. पी न्याती ने कहा कि बायो मेडिकल स्वास्थ्य अनुसंधान के क्षेत्र में काफी संभावनाएं है। भारत में क्लिनिक ट्रायल के लिए कई चुनौतियां का सामना भी करना पड़ता है। यदि आप सही अस्पताल,बेहतर मानक और सुविधाओं का ध्यान रखे तो आप बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते है।


इंडेक्स मेडिकल कॉलेज की डॅा.आरती सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल के विकास की अपनी प्रक्रिया है। इसमें चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में हुई विभिन्न दुर्घटनाओं से भी हमें काफी कुछ सीखने का मौका मिला है। किसी भी क्लिनिकल ट्रायल में रिपोर्टिंग के साथ डाटा वेरिफिकेशन और गोपनीयता का भी ध्यान रखना चाहिए। इसके जरिए नियमों के निर्माण और संशोधन भी काफी मदद मिली है। ज़ाइडस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, दाहोद, गुजरात प्रोफेसर और हेड फार्माकोलॉजी डॉ.सूरज त्रिपाठी ने सीआर में सुरक्षा विचार और एसएई को मुआवजे के बारे में बताया।

डॉ. सचिन कुचया, प्रोफेसर और हेड फार्माकोलॉजी, एनएससीबी मेडिकल कॉलेज और सीओई, एमपीएमएसयू, जबलपुर ने एनडीसीटी नियम 2019 और संशोधनों पर जोर दिया। उन्होंने क्लिनिकल परीक्षण के लिए आगे बढ़ने के लिए नई दवाओं, नियमों और संशोधनों के बारे में जानकारी दी। मालवांचल यूनिवर्सिटी से सहायक रजिस्ट्रार, अनुसंधान दीपशिखा विनायक ने क्लिनिकल ट्रायल में दस्तावेज़ीकरण, डेटा हैंडलिंग और रिकॉर्ड कीपिंग, मॉनिटरिंग, ऑडिट और निरीक्षण के बारे में बताया।इस अवसर पर डॉ. लिली गंजू (निदेशक अनुसंधान, मालवांचल यूनिवर्सिटी ), डॉ. नेहा जयसवाल (वैज्ञानिक अधिकारी),  डॉ. आकाश विश्वे (एसो. प्रोफेसर, फार्माकोलॉजी) और प्रीति परदेशी (सहायक) (प्रोफेसर, फार्माकोलॉजी) उपस्थित रहे

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